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बिहार NDA में दरार, भिड़ गए मांझी और चिराग, मोदी सरकार ने साफ किया रुख फिर भी बढ़ा झगड़ा

Cracks in NDA over Bharat Bandh: भारत बंद को लेकर राजनीतिक पार्टियों में मतभेद देखने को मिल रहा है। हालांकि एनडीए में जिस तरह से मतभेद उभरा है। वह चौंकाने वाला है। चिराग पासवान की लोजपा जहां भारत बंद के समर्थन में है, वहीं जीतनराम मांझी की पार्टी भारत बंद का विरोध कर रही है।

Edited By : Nandlal Sharma | Updated: Aug 21, 2024 13:09
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बिहार और राजस्थान में भारत बंद का सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है।

Cracks in NDA over Bharat Bandh: अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का आरक्षण, एक ऐसा मुद्दा बन चुका है, जिसमें राजनीतिक पार्टियां पक्ष-विपक्ष में नहीं बल्कि अपने मतों के अनुसार बंट गई हैं। दरअसल भीम सेना प्रमुख ने फेसबुक लाइव के जरिए 21 अगस्त को भारत बंद का ऐलान कर दिया था। भारत बंद के समर्थन में जहाँ कई राजनीतिक पार्टियां है, वहीं विरोध में भी कई पार्टियां हैं। भारत बंद के समर्थन में मायावती की बीएसपी, चिराग पासवान की लोजपा और लालू यादव की आरजेडी, मुकेश सहनी की वीआईपी, चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी हैं, जबकि विरोध में जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान आवाम मोर्चा है।

चिराग और मांझी के बीच मतभेद की खबरें उस समय आई हैं जब एससी-एसटी आरक्षण में उपवर्गीकरण पर केंद्र की मोदी 3.0 सरकार ने अपना रुख क्लियर कर दिया है। सरकार ने कहा है कि वह एससी-एसटी आरक्षण में उपवर्गीकरण के पक्ष में नहीं है। इसके बाद भी चिराग और मांझी का भारत बंद पर अलग-अलग रुख देखने को मिला है।

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Bharat Bandh Live Updates: भारत बंद पर दलित समुदाय में दो फाड़, वाल्मीकि समुदाय ने किया विरोध

ऐसे में सवाल उठता है कि 21 अगस्त को भारत बंद के पीछे किसका हाथ है और कैसे माहौल बना? दलित, आदिवासी संगठनों के साथ-साथ बसपा भी समर्थन देने के लिए मजबूर है। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने 1 अगस्त को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में कोटे में कोटा का फैसला दिया। साथ ही एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करने पर भी ज़ोर दिया है।

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ये भी पढ़ेंः Bharat Bandh: क्यों है भारत बंद, क्या खुला रहेगा क्या बंद? 10 पॉइंट में जानें सब कुछ

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद से मायावती ने एससी-एसटी के आरक्षण के वर्गीकरण के खिलाफ़ मोर्चा खोल रखा है। सोशल मीडिया से लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस तक मायावती लगातार आवाज उठा रही हैं। आरक्षण में वर्गीकरण का मुद्दा बढ़ता जा रहा है। दलित और आदिवासी समाज के लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश नहीं है। इसलिए मोदी सरकार ने भी साफ कर दिया कि वह एससी-एसटी आरक्षण नहीं बांटेगी और ना ही क्रीमीलेयर को लागू करेगी। इसके बाद भी दलित संगठनों की मांग है कि एससी-एसटी आरक्षण को नौवीं सूची में डाला जाए। पूरा मामला समझने के लिए देखिए ये वीडियो –

HISTORY

Written By

Nandlal Sharma

First published on: Aug 21, 2024 10:34 AM

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