राशि चक्र में छठा स्थान कन्या राशि को प्राप्त है। इस राशि का चिह्न एक कन्या है, जिसके हाथ में फूल की डाली होती है। बुध देव को कन्या राशि का स्वामी माना जाता है, जिसके अधिकतर गोचर का शुभ प्रभाव इस राशिवालों के जीवन पर पड़ता है। जिन लोगों की कन्या राशि होती है, वो महत्वाकांक्षी होते हैं। बात-बात पर ये लोग भावुक हो जाते हैं और रोने लगते हैं। लेकिन ये अपने मन का ही करते हैं। यदि कोई इनके भले की बात भी कहता है तो वो अपने मन का ही करते हैं। हालांकि इसके कारण इन्हें कई बार हार का सामना करना पड़ता है।
वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, 18 मई 2025 से लेकर 5 दिसंबर 2026 तक केतु ग्रह सिंह राशि में रहेंगे। इस दौरान जहां कुछ राशियों के लोगों को केतु की कृपा प्राप्त होगी तो कई जातकों का कंगाल होना भी तय है।
प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय बताते हैं कि केतु के इस गोचर का प्रभाव कन्या राशिवालों के 12वें भाव में पड़ रहा है, जिसके कारण इनकी आर्थिक स्थिति और सेहत प्रभावित होगी। जहां कुछ लोगों के खर्चों में इजाफा होगा तो कई जातकों की सेहत में गिरावट आएगी। इसके अलावा किसी भी काम में मन नहीं लगेगा। हालांकि कुछ उपायों को करके कन्या राशि के जातक केतु गोचर के अशुभ प्रभाव से बच सकते हैं। यदि आप केतु गोचर को खुश करने वाले उपायों के बारे में जानना चाहते हैं तो इसके लिए वीडियो को देखें।
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