मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व जज रोहित आर्य राजनीति में एंट्री ले चुके हैं। उन्होंने भाजपा का दामन थामा है। उल्लेखनीय है कि साल 2020 में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की राजनीति में एंट्री होने के बाद से ही यह रुख तेज हुआ है। साल 2020 से अब तक 7 जज राजनीति के मैदान में उतर चुके हैं। हालांकि, इनमें से अधिकतर को न तो टिकट मिल पाया और न ही कोई बड़ा पद।
2020 में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई राज्यसभा के जरिए पॉलिटिक्स में आए थे। कानून की दुनिया से राजनीति में आने वाले जजों में वही एकमात्र व्यक्ति हैं जिन्हें कोई बड़ा पद मिला है। गोगोई को साल 2020 में राष्ट्रपति कोटे से राज्यसभा के लिए चुना गया थे। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज अब्दुल नजीर को साल 2023 में केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाया था।
साल 2021 में मद्रास हाईकोर्ट के जज रहे एसके कृष्णन डीएमके में शामिल हुए थे। उन्हें कोई बड़ा पद नहीं मिल पाया है। 2023 में कर्नाटक की निचली अदालत में जज रहे सुभाष राठौड़ ने जेडीएस से हाथ मिलाया था। उन्होंने कांग्रेस के गढ़ गुलबर्ग में आने वाली चिट्टापुर सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन बुरी तरह हार गए थे। राजनीति में आने वाले बाकी जजों का हाल हैसा रहा देखिए इस वीडियो स्टोरी में।