Ketu In 8th House Negative Effects: भविष्य जानने के लिए जन्म कुंडली देखी जाती है, जो कि एक ज्योतिषीय चार्ट है। जन्म कुंडली से पता चल सकता है कि व्यक्ति के जन्म के समय ग्रहों की स्थिति कैसी थी, जिससे जातक के फ्यूचर, स्वभाव, सेहत और लव लाइफ जैसे विभिन्न पहलुओं से जुड़ी मुख्य बातें पता चलती हैं। जन्म कुंडली में कुल 12 भाव होते हैं, जिनमें नवग्रह विराजमान होते हैं। 12 भावों और 9 ग्रहों का अपना महत्व है, जिनका सभी राशियों पर प्रभाव पड़ता है। प्रत्येक भाव (घर) का संबंध जीवन के विभिन्न पहलुओं से होता है। कुंडली का 8वां यानी अष्टम भाव मृत्यु, रहस्य और परिवर्तन का होता है। यदि इस भाव में कोई ग्रह अशुभ व कमजोर स्थिति में विराजमान होता है तो उसे विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
खासतौर पर केतु का 8वें भाव में स्थित होना शुभ नहीं माना जाता है। इस कारण व्यक्ति की सेहत में तो गिरावट आती है ही, साथ ही आर्थिक स्थिति भी कुछ खास अच्छी नहीं रहती है। हालांकि कुछ उपाय और सावधानी अपनाकर इन तमाम परेशानियों से बचा जा सकता है। यदि आप 8वें भाव में केतु के राशियों पर प्रभाव, उपाय और सावधानियों के बारे में जानना चाहते हैं तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देखें।
ये भी पढ़ें- Chandra Gochar: शुरू हुआ इन 3 राशियों का गोल्डन पीरियड, आज सावन के अंतिम सोमवार पर चंद्र ने किया नक्षत्र गोचर
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।