Electoral Bonds Verdict Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को केंद्र की मोदी सरकार को बड़ा झटका दिया। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने चुनावी बॉन्ड योजना को सूचना का अधिकार और अनुच्छेद 19 (1)(ए) का उल्लंघन बताते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया। उन्होंने कहा कि इसे तुरंत बंद कर देना चाहिए। इस मामले में वकील वरुण ठाकुर ने न्यूज 24 के साथ बातचीत करते हुए इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी।
वरुण ठाकुर ने कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना को 2018 में लाया गया था। इस योजना के तहत घाटे में चल रही कंपनियां भी सरकार को चंदा दे रही थीं। यह कैसे संभव है। वरुण ने कहा कि जो सत्ता पावर में थीं, उन्हीं को चुनावी बॉन्ड के जरिए चंदा दिया जा रहा था। चुनावी बॉन्ड पर रोक लगने से राजनीतिक दलों को देने वाले चंदे पर अंकुश लगेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह पता चल सकेगा कि किस राजनीतिक दल को किसने और कितना चंदा दिया।