Chaudhary Charan Singh Prime Minister Journey: 1977 में मोरारजी देसाई की सरकार बनते ही गृह मंत्री चौधरी चरण सिंह और प्रधानमंत्री मोरारजी के बीच मतभेद की खबरें खूब सुर्खियां बटोरने लगीं। चरण सिंह खुलकर आरोप लगाने लगे कि मोरारजी देसाई बिना कैबिनेट के मंत्रियों से सलाह लिए खुद ही फैसले लिया करते हैं। दोनों के बीच राजनीतिक मतभेद उस समय व्यक्तिगत हो गए, जब चरण सिंह ने प्रधानमंत्री के बेटे कांति देसाई पर कई गंभीर आरोप लगाए।
बेटे पर आरोप लगाने की वजह से मोरारजी देसाई इतने नाराज हुए कि उन्होंने चौधरी चरण सिंह को अपने कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया। सरकार से निकाले जाने के बाद चौधरी चरण सिंह ने अपनी ताकत का अहसास दिलाने के लिए एक विशाल किसान रैली का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। उनके भाषण से किसानों के बीच आक्रोश पैदा हो गया। किसानों के गुस्से को देखकर मोरारजी सरकार डर गई और आखिरकार उन्होंने फिर से चरण सिंह को अपने कैबिनेट में मंत्री बना दिया।