69000 Teacher Recruitment News: 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। लोकसभा चुनाव में ओबीसी, एससी-एसटी के बीजेपी से छिटकने के बाद हाईकोर्ट का ये फैसला बीजेपी के चुनौती बन गया है। लोकसभा चुनाव के दौरान ही विपक्ष का पूरा कैंपेन संविधान और आरक्षण बचाने पर था। बीजेपी ने देखा है कि ये मुद्दा कैसे दलितों और पिछड़ों को उसके खिलाफ एकजुट करता है। इस बीच यूपी में 10 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने हैं। साथ में बीजेपी 2027 की तैयारी भी कर रही है।
69 हजार भर्ती का मामला यूपी सरकार के लिए बड़ा संवेदनशील मामला है। उत्तर प्रदेश एक बहुत बड़ा सूबा है। ये मुद्दा उसके बेरोज़गारों से और सियासत से भी जुड़ा हुआ है। लेकिन उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग के काम करने के तरीके और पेचीदगियों को देखें तो आम आदमी चक्कर खाकर गिर जाएगा, उसके समझ में नहीं आएगा।
योगी से पहले की अखिलेश सरकार ने चुनाव से कुछ दिनों पहले उन्होंने 1,37,000 शिक्षा मित्रों को समायोजित कर प्राइमरी का टीचर बना दिया। सुप्रीम कोर्ट ने उनके इस फैसले को पलट दिया कि ये गलत है और प्राइमरी टीचर्स की नए सिरे से भर्ती होनी चाहिए। क्योंकि नए बच्चे हैं उनको मौका मिलना चाहिए। कोर्ट ने शिक्षा मित्रों का कुछ कोटा तय कर दिया। उसके बाद सरकार बदल गई। योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट में गई। पूरा मामला समझने के लिए देखिए ये वीडियो –