बीमा खरीदना आज के समय में बेहद जरूरी हो गया है। लेकिन बीमा खरीदते वक्त कई बार तकनीकी शब्दों और शर्तों की वजह से लोग उलझन में पड़ जाते हैं। सही जानकारी के बिना पॉलिसी लेना नुकसानदेह साबित हो सकता है। इसलिए आइए बीमा से जुड़े कुछ अहम चीजों को आसान भाषा में समझते हैं, जिससे आप अपने लिए सही इंश्योरेंस प्लान का चुनाव कर सकें…
टर्म इंश्योरेंस और एंडोमेंट में क्या अंतर है?
जब आप जीवन बीमा खरीदते हैं तो सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि टर्म इंश्योरेंस और एंडोमेंट प्लान में फर्क क्या है। टर्म इंश्योरेंस एक ऐसी पॉलिसी है जो आपको कम प्रीमियम में ज्यादा लाइफ कवरेज देती है। इसका मतलब अगर बीमित व्यक्ति की अवधि के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो बीमा कंपनी लाभार्थी को पैसा देती है। लेकिन इसका कोई बचत भाग नहीं होता।
वहीं, एंडोमेंट प्लान जीवन बीमा के साथ-साथ एक बचत योजना की तरह काम करता है। पॉलिसी की अवधि पूरी होने पर आपको एक निश्चित राशि मिलती है। हालांकि, इस योजना का प्रीमियम टर्म इंश्योरेंस की तुलना में काफी ज्यादा होता है। इसलिए यह निर्णय आपकी ज़रूरत और बजट पर निर्भर करता है।
हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय शर्तें समझना जरूरी
स्वास्थ्य बीमा लेने से पहले यह जानना आवश्यक है कि ये पॉलिसी हर बीमारी को तुरंत कवर नहीं करती। अगर आपकी कोई पहले से मौजूद बीमारी है, तो बीमा कंपनी आमतौर पर कुछ समय तक उसका खर्च नहीं उठाती, जिसे ‘प्रतीक्षा अवधि’ कहते हैं। इसके अलावा, कुछ बीमारियां या सर्जरी जैसे कि कॉस्मेटिक सर्जरी बीमा की सीमा से बाहर हो सकती हैं। इसलिए पॉलिसी के नियमों को ध्यान से पढ़ें और समझें कि क्या-क्या चीज़ें कवर हैं और क्या नहीं।
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बीमा कवर सोच-समझकर बढ़ाएं
आजकल बीमा कंपनियां कई तरह के अतिरिक्त कवरेज भी देती हैं, जैसे कि गंभीर बीमारी का कवर, आकस्मिक मृत्यु लाभ, या प्रीमियम में छूट। ये आपके मूल बीमा प्लान को और मजबूत बनाते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि ये कवरेज आपकी पॉलिसी की कीमत बढ़ा देते हैं। इसलिए इन्हें तभी शामिल करें जब आपको सही में उनकी ज़रूरत हो। जरूरत से ज्यादा कवरेज लेना आपकी जेब पर बोझ डाल सकता है।
क्लेम निपटान रेशियो को समझें
बीमा खरीदते वक्त आपको बीमाकर्ता का दावा निपटान अनुपात (Claim Settlement Ratio) जरूर देखना चाहिए। यह दर्शाता है कि कंपनी ने कितने दावों का भुगतान किया है। एक अच्छी बीमा कंपनी वह होती है जो अपने दावों का जल्दी और सही तरीके से निपटान करती है। इससे आपको अपने पैसे समय पर मिलते हैं और फर्जी या जटिल प्रक्रियाओं से बचा जाता है।