नौकरीपेशा लेग अक्सर बेहतर मौके या ग्रोथ के लिए नौकरी बदलते रहते हैं। लेकिन नौकरी बदलते समय एक जरूरी काम है, PF (प्रोविडेंट फंड) ट्रांसफर करना। कई लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे बाद में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने हर कर्मचारी को एक UAN (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) दिया है। ये नंबर सभी PF अकाउंट्स को जोड़ने का काम करता है। जब आप नौकरी बदलते हैं तो नया PF अकाउंट खुलता है, लेकिन UAN वही रहता है। अगर आप पुराने PF अकाउंट को नए में ट्रांसफर नहीं करते, तो आपके पैसे और सर्विस हिस्ट्री अलग-अलग रह जाती है।
PF ट्रांसफर के लिए ध्यान देने वाली बातें:
- UAN पोर्टल पर आधार, पैन और बैंक डिटेल्स अपडेट रखें।
- पुरानी कंपनी ने आपकी डेट ऑफ एग्जिट सही अपडेट की हो।
- UAN और आधार लिंक जरूर होना चाहिए।
PF ट्रांसफर न करने पर क्या दिक्कतें आती हैं?
पैसे निकालने में रुकावट:
अगर आपने अपने पुराने PF अकाउंट्स को मर्ज नहीं किया और पैसे निकालना चाहते हैं, तो EPFO सिर्फ आपके मौजूदा खाते की रकम देखकर ही निकासी तय करता है। इससे आप ज़रूरत के समय कम पैसे ही निकाल पाएंगे।
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फाइनल सेटलमेंट में अड़चन:
अगर आपने जॉब छोड़ दी और सभी PF अकाउंट्स को मर्ज नहीं किया, तो EPFO आपका पूरा पैसा निकालने की मंजूरी नहीं देगा।
एक से ज़्यादा UAN बन जाना:
नई कंपनी को अगर आप नहीं बताते कि पहले से आपका UAN है, तो वो नया UAN बना सकती है। इससे आपका PF डेटा बंट जाता है और ट्रांसफर में दिक्कत आती है।
पेंशन का नुकसान:
EPS (पेंशन स्कीम) का लाभ पाने के लिए 10 साल की लगातार सर्विस जरूरी है। अगर आपने PF ट्रांसफर नहीं किया, तो आपकी सर्विस गिनती में नहीं आएगी और आप पेंशन के हकदार नहीं बन पाएंगे।