भारत और पाकिस्तान ही नहीं बल्कि दुनिया भर के कई देशों के बीच इस समय तनाव का माहौल बना हुआ है। युद्ध और तनाव की हर खबर शेयर बाजार को भी प्रभावित कर रही है। इस दौरान रुपये में गिरावट और बॉण्ड की ब्याज दर घटने से भी निवेश के ऑप्शन सीमित हो चुके हैं। ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि इस माहौल में सोने में निवेश करना सही रहेगा या नहीं? जिस प्रकार सीमा पार से हो रहे हर अटैक को भारतीय सेना के एयर डिफेंस सिस्टम नाकाम कर रहे हैं, संकट के इस दौर में आपके निवेश पोर्टफोलियो को कुछ ऐसा ही डिफेंस गोल्ड ईटीएफ प्रदान कर सकते हैं।
ईटीएफ से कैसे अलग है गोल्ड फंड?
गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड फंड दोनों ही सोने में निवेश करने के तरीके हैं, लेकिन इसमें कुछ अंतर हैं। गोल्ड ईटीएफ सीधे सोने में निवेश करते हैं, जबकि गोल्ड फंड गोल्ड ईटीएफ या सोने से जुड़े अन्य साधनों में निवेश करते हैं। जहां तक गोल्ड ईटीएफ की बात है तो इसमें निवेशक स्टॉक एक्सचेंज पर इनकी खरीद-बिक्री कर सकते हैं, ऐसे में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी होता है।
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वहीं गोल्ड फंड की बात करें तो ये एक म्यूचुअल फंड जैसा है, जो सोने में निवेश करता है। गोल्ड फंड सोने में सीधे निवेश कर सकता है या सोने से जुड़े अन्य साधनों में भी निवेश कर सकता है। यहां आपको डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं होती है। गोल्ड फंड में निवेश करने से आपको सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव का कुछ खतरे होते हैं, लेकिन गोल्ड ईटीएफ की तुलना में कम। इसके साथ ही गोल्ड ईटीएफ में निवेश की लागत भी कम होती है।
गोल्ड ईटीएफ में निवेश का क्या है फायदा?
1. सोने के चोरी होने का खतरा नहीं होता है।
2. निवेश के बदले आसानी से लोन मिलता है।
3. सुरक्षा से जुड़े बैंक लॉकर जैसे खर्च नहीं होते हैं।
4. एक्सचेंज पर आसानी से खरीदा या बेचा जा सकता है।
5. एंट्री और एग्जिट लोड नहीं लगता है।
सोने में निवेश कितना फायदेमंद?
सोना हमें हमेशा रिटर्न देता है। पोर्टफोलियो में 15 प्रतिशत तक सोना रखना सही रणनीति होती है। इससे न सिर्फ खतरे में संतुलन आता है, बल्कि भविष्य की अनिश्चितताओं से भी सुरक्षित रहते हैं। पोर्टफोलियो में 15 प्रतिशत तक सोना है तो आप अभी रुक सकते हैं, लेकिन अगर इससे कम निवेश है तो इसे बढ़ा भी सकते हैं।
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