भागवत पुराण में वर्णित कथा के अनुसार सत्यभामा एक दिन उनसे रूठ गई तब कृष्ण ने महल में एक भोज का आयोजन करवाया। भोज का मुख्य उद्देश्य सत्यभामा को यह समझाना था कि आखिर भगवान श्री कृष्ण ने स्त्रियों को नमक के समान क्यों बताया था।
भागवत पुराण अनुसार भगवान श्री कृष्ण की आठ पत्नियों में सबसे सुन्दर सत्यभामा थी। श्री कृष्ण अपने मन की बात सत्यभामा को अकसर ही बताया करते थे। एक दिन की बात है सत्यभामा ने अपनी सुंदरता पर घमंड करते हुए श्री कृष्ण से पूछा हे स्वामी ! मैं आपको कैसी लगती हूं? सत्यभामा की बातें सुनकर श्री कृष्ण मुस्कुराते हुए बोले प्रिय मुझे तुम नमक के समान लगती हो। श्री कृष्ण की बातें सुनकर सत्यभामा क्रोधित हो गयी और बोली आप बड़े ही कठोर हो, आप किसी और वस्तु से भी तो मेरी तुलना कर सकते थे। उस समय श्री कृष्ण ने सत्यभामा के क्रोध को किसी तरह शांत करा दिया।
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कुछ दिनों के बाद श्री कृष्ण ने द्वारका के महल में एक भोज का आयोजन किया। इस भोज के लिए छप्पन भोग की व्यवस्था की गई। भोजन जब बनकर तैयार हो गया तो श्री कृष्ण ने सबसे पहले सत्यभामा से भोजन करने को कहा। पहले तो सत्यभामा ने मना कर दिया परन्तु श्री कृष्ण के बार-बार कहने पर वह भोजन करने को तैयार हो गई। सत्यभामा ने जैसे ही पहला कौर मुंह में डाला उसे भोजन में कोई स्वाद नहीं आया। आता भी कैसे श्री कृष्ण के आदेशानुसार भोजन में नमक जो नहीं डाला गया था। उसके बाद सत्यभामा ने कचौड़ी का कौर मुंह में डाला, वह भी बिना नमक का था, इतना सब होने के बाद सत्यभामा क्रोध से लाल हो गई और चिल्लाने लगी किसने यह खाना बनाया है?
सत्यभामा को चिल्लाते हुए जब कृष्ण से सुना तो वह दौड़े-दौड़े उनके पास आये और पूछा प्रिय क्या हुआ? सत्यभामा तमतमाती हुई बोली ऐसे भोज का आयोजन आपने क्यों किया? किसी भी भोजन में नमक नहीं है। तब श्री कृष्ण ने कहा नमक नहीं है तो, क्या हुआ बिना नमक के ही खा लेती। कृष्ण की बातें सुनकर सत्यभामा क्रोध से लाल हो गई। फिर श्री कृष्ण ने बड़े ही प्यार से कहा प्रिय उस दिन जब मैंने तुमसे कहा था कि तुम मुझे नमक के समान प्रिय हो तो तुम रूठ गई थी। श्री कृष्ण के इतना कहते ही सत्यभामा को समझ में आ गया की इस भोज का आयोजन उन्हें समझाने के लिए किया गया था। फिर श्री कृष्ण ने कहा मैंने तुम्हे नमक इसलिए कहा था कि स्त्रियां नमक के सामान ही अपना अस्तित्व मिटा कर दूसरे से प्रेम करती है। उसका नाम धारण करती है।
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