चेन्नई में एक फ्रेंच टीचर की शादी को लेकर एक नया मामला सामने आया है, जिसमें मद्रास हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कोर्ट ने इस मामले में अपनी स्पेशल पावर का इस्तेमाल करते हुए फैसला सुनाया है और 20 वर्षीय महिला की शादी को रद्द कर दिया है। आइये इसके बारे में जानते हैं।
मद्रास हाईकोर्ट ने एक्सट्राऑर्डिनरी ज्यूरिस्डिक्शन का प्रयोग किया है और 20 वर्षीय महिला के विवाह को रद्द कर दिया है। जानकारी मिली है कि महिला की शादी फ्रांसीसी शिक्षक के साथ जबरन की गई थी। महिला ने पैनल को बताया कि उसकी शादी और उसका रजिस्ट्रेशन ‘जबरन’ कराया गया था और वे इस शादी को नहीं मानती और न उनके साथ रहना चाहती हैं।
पैनल ने सुनी महिला की गुहार
महिला ने अपनी पूरी समस्या पैनल में शामिल न्यायमूर्ति एस एम सुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति वी शिवगनम के सामने रखी। पैनल में उपस्थित जज ने महिला की स्थिति को समझा और अपनी स्पेशल पावर को इस्तेमाल करके महिला के फेवर में अपना फैसला सुनाया। जैसा कि हम बता चुके हैं कि ये मामला केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी का है। यहां एक फ्रेंच टीचर काम करता है, जिसने अदालत को बताया कि उसकी पत्नी मायके में है और उनके सास-ससुर ने उसकी पत्नी को बंधक बनाकर रखा है।
हाई कोर्ट में पत्नी की पेशी
पैनल ने महिला को अदालत में पेश होने का आदेश दिया, जिसके बाद वह मंगलवार अदालत में पेश हुई। महिला ने पैनल को बताया कि वह इस व्यक्ति से कुछ साल पहले फ्रेंच पढ़ती थी। 2024 की शुरुआत में दोनों ने शादी कर ली पुडुचेरी में इसे रजिस्टर कराया।
हालांकि शादी के बाद उनको अपनी गलती का एहसास हुआ और अब वह शादी में नहीं रहना चाहती हैं। उसने कहा कि उनकी शादी का रजिस्ट्रेशन जबरन कराया गया। आगे उन्होंने बताया कि वह हायर स्टडी कम्प्लीट करना चाहती हैं और अपने माता-पिता के साथ रहना चाहती हैं।
कोर्ट ने रद्द की शादी
व्यक्ति ने कोर्ट को बताया उसी भी अपनी गलती का अहसास हो गया है और वह अपनी पत्नी को ससुराल वापस आने के लिए फोर्स नहीं करेंगे। आखिर ने जजों की बेंच ने बताया कि दोनों पक्षों ने शादी के वेरिफिकेशन को रद्द करने के लिए हामी भरी है, जिसके बाद दोनों की शादी कैंसिल कर दी गई।
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