Wayanad Landslide : 30 जुलाई को केरल के वायनाड में भूस्खलन से खूब तबाई मची। आंकड़ों की मानें तो अब तक 308 लोगों की जान जा चुकी है। 180 लोग लापता हैं, जबकि 160 लोगों के शरीर के अंग मिल चुके हैं। 30 जुलाई को बारिश के बीच भूस्खलन हुआ तो एक महिला ने कॉल करके अपने ऑफिस को इसकी जानकारी दी थी और मदद मांगी थी। तब जिम्मेदार अधिकारियों को पता चला कि इलाके में भयानक मुसीबत आ गई है। यह महिला कोई और नहीं, बल्कि अस्पताल की महिला कर्मचारी नीतू जोजो थीं। दुःख की बात यह है कि नीतू जोजो अब इस दुनिया में नहीं रहीं। उनका शव बरामद हुआ है।
बताया जा रहा है कि नीतू ने ही सबसे पहले कॉल करके मदद मांगी थी, जिसके बाद लोगों को पता चला कि चूरलमाला में विनाशकारी भूस्खलन हुआ है। चूरलमाला की रहने वाली नीतू ने हवा की गर्जना, चट्टानों के गिरने की गड़गड़ाहट और घर में घुसते पानी को देखकर खतरे को भांप लिया था। उन्होंने वायनाड इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ( WIMS ) में कॉल किया। नीतू WIMS की ही कर्मचारी थीं। रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन चला रही टीम को नीतू का शव मिला।
नीतू जोजो ने कॉल करके मांगी थी मदद
नीतू के कॉल के बारे में WIMS के डिप्टी जनरल मैनेजर शानवास पल्लियाल का कहना है कि उनके पास करीब 1:30 बजे फोन आया और नीतू ने बताया कि इलाके में भारी भूस्खलन हुआ है। घर में पानी भर रहा है, ऐसे में रेस्क्यू करने के लिए कोई गाड़ी भेजी जाए। पल्लियाल का कहना है कि मैंने मेप्पाडी में पुलिस स्टेशन को फोन किया, लेकिन लाइन व्यस्त थी। फिर मैंने कलपेट्टा स्टेशन का नंबर ट्राई किया, लेकिन वहां की पुलिस को भूस्खलन के बारे में जानकारी ही नहीं थी। फिर मैंने 100 नंबर पर फोन करके कंट्रोल रूम को जानकारी दी।
Neethu Jojo, who alerted about the massive landslides in #Wayanad at 1.30 am last Tuesday, died in the tragedy as rescue teams took too long to reach her place because roads were blocked by debris. “Water is gushing inside house. Someone please come and save us,” she had said. pic.twitter.com/SrP1get8MN
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नीतू के घर में कई लोगों ने बचने के लिए शरण ले रखी थी। नीतू सबको लेकर बचने की सोच रही थीं, लेकिन इसी बीच दूसरी बार भूस्खलन हुआ और सबकुछ तबाह हो गया। नीतू के घर का एक हिस्सा बह गया। बताया जा रहा है कि इसके साथ नीतू भी बह गईं, जबकि उसके घर के सदस्य और शरण लेने वाले सुरक्षित जगह पहुंच गए, लेकिन नीतू वहां नहीं थी।
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नीतू का शव सोचीमाला झरने से बरामद किया गया। हालांकि नीतू की पहचान भी नहीं हो पा रही थी, लेकिन उसकी चूड़ी से उसके पति ने पहचान किया कि यह शव नीतू का ही है। बता दें कि WIMS के 4 कर्मचारियों की जान गई है, जिसमें नीतू के अलावा नर्सिंग स्टाफ शफीना एएम, दिव्या एस और बिजेश आर की भी इस विनाशकारी भूस्खलन में मौत हो गई।