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एक ऐसी बुलेट ट्रेन, जिसमें यात्रा करना बैन; जानें क्या है कारण

Japan Bullet Train Yellow Doctor : जापान की बुलेट ट्रेन में यात्रा करने के लिए दुनियाभर के लोग पहुंचते हैं, लेकिन एक पीले रंग की ट्रेन भी चलती है। हालांकि इस ट्रेन में कोई भी यात्री यात्रा नहीं कर सकता है। जानें क्यों!

Edited By : Avinash Tiwari | Updated: Apr 28, 2024 13:36
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Japan Yellow Doctor

Japan Bullet Train ‘Yellow Doctor’ :  जापान की बुलेट ट्रेन तो पूरी दुनिया में फेमस है। यहां की बुलेट ट्रेन में यात्रा करने का अलग ही एहसास है। हालांकि बहुत काम लोग ही जानते हैं कि जापान में एक ऐसी बुलेट ट्रेन में भी है, जिसमें कोई भी यात्री सफर नहीं कर सकता और ना ही इस ट्रेन में सफर करने के लिए किसी तरह के टिकट की बिक्री होती है।

जापान की बुलेट ट्रेन दुनिया में प्रसिद्ध

जापान में बुलेट ट्रेन के नाम से शिंकानसेन हाई-स्पीड ट्रेनों का एक नेटवर्क है। ये ट्रेन सुरक्षा, यात्रा के दौरान स्थिरता समय पर पहुंचाने के लिए प्रसिद्ध है। बता दें कि जापान में रोज 300 से अधिक बुलेट ट्रेन चलाई जाती हैं और इसमें लाखों यात्री यात्रा करते हैं। हालांकि एक ट्रेन ऐसी भी है, जिसमें एक भी यात्री सफर नहीं करते।

क्या है डॉक्टर येलो? (What is Doctor Yellow Train?)

वैसे जापान की ज्यादातर ट्रेनें हरे और सफेद रंग की होती है लेकिन एक ऐसी भी ट्रेन है तो पूरी पीले रंग की होती है। इस ट्रेन में किसी भी यात्री को चढ़ने की अनुमति नहीं होती। दरअसल यह ट्रेन लोगों की सुरक्षा के लिए चलाई जाती है। इस ट्रेन के जरिए रेलवे ट्रैक की स्थिति, उछाल और गड़बड़ी का पता लगाया जाता है। इस ट्रेन को ‘डॉक्टर येलो’ कहा जाता है।

किस काम आती है डॉक्टर येलो? 

‘डॉक्टर येलो’ ट्रेन का उपयोग पटरियों का निरीक्षण, ओवरहेड तारों, सिग्नल आदि से जुड़ी समस्याओं का पता लगाने और उसकी जानकारी अधिकारियों तक पहुंचाने का काम करती है। इस ट्रेन में सेंसर और तमाम तरह के उपकरण लगे हुए हैं, जो खामियों की तुरंत पहचान कर सिग्नल भेजते हैं। खामियों का पता चलते ही इंजीनियर समस्याओं का निदान कर देते हैं।

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जानकारी के अनुसार, इस ट्रेन में आम तौर पर 2 पायलट, 3 ट्रैक टेकनीशियन और 4 श्रमिकों सहित 9 चालक दल के सदस्य सवार रहते हैं। कुल मिलाकर कहें तो ये ट्रेन पटरियों की डॉक्टर है, जो कमियों का पता लगाती है। इसीलिए इसे लोकप्रिय तौर पर डॉक्टर कहा जाता है और रंग पीला होने की वजह से इसका नाम ‘डॉक्टर येलो’ पड़ गया।

First published on: Apr 28, 2024 01:02 PM

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