Forest Department Officer Suspended: एक शेर और शेरनी के नामकरण को लेकर पैदा हुए विवाद के बाद अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है। शेर और शेरनी के नाम को लेकर पैदा हुआ विवाद काफी दिनों से चर्चाओं में था। अब ओडिशा सरकार ने इस मामले को संज्ञान में लिया और नामकरण में शामिल रहे अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है।
क्या है मामला?
मामला अगरतला के एक चिड़ियाघर का है, चिड़ियाघर के शेर और शेरनी का नाम क्रमश: अकबर और सीता रखे जाने के विवाद खड़ा हो गया। मामला कोर्ट तक पहुंच गया और लोगों ने भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया। कोर्ट ने मामले को सुना। इसके बाद ओडिशा के प्रधान मुख्य वन संरक्षक प्रबीन लाल अग्रवाल को शनिवार को निलंबित कर दिया गया।
‘अकबर और सीता’ पर हुआ विवाद
दरअसल शेर और शेरनी को 12 फरवरी को त्रिपुरा के सेपाहिजाला चिड़ियाघर से सिलीगुड़ी वन्य पशु पार्क में स्थानांतरित कर दिया गया था। आईएफएस अधिकारी अग्रवाल उस समय त्रिपुरा के मुख्य वन्यजीव वार्डन के रूप में कार्यरत थे। शेर और शेरनी को सिलीगुड़ी भेजते समय उन्होंने रजिस्टर में उनका नाम अकबर और सीता दर्ज किया।
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शेर और शेरनी के स्थानांतरित किए जाने की खबर मीडिया में छपी तो हेडलाइन में नाम ‘अकबर और सीता’ लिखा गया। इस पर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई और कोर्ट में PIL दाखिल कर नाम बदलने की मांग की। तर्क दिया गया है कि इससे लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंच रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेर और शेरनी का नाम बदलने पर सहमित जताई गई है। वहीं उड़ीसा सरकार ने नाम लिखने के कारण सस्पेंड हो गए हैं। कहा जा रहा है कि विवाद बढ़ने के बाद सरकार ने जब IFS अधिकारी से जवाब तालाब किया तो उन्होंने नामकरण करने से इनकार कर दिया। जबकि जांच में पता चला कि नाम अधिकारियों के द्वारा ही दिया गया था, जिसके बाद ये कार्रवाई हुई है।