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दुनिया का इकलौता शहर, जहां दिन हो या रात-कभी 12 नहीं बजते; 11 के पीछे पागल हैं लोग

Interesting Facts; Where Clock Never Strikes 12: पूरी दुनिया में दिन के 12 बजते हैं। रात में भी 1 बजते हैं, लेकिन इसके उलट एक जगह ऐसी भी है, जहां दिन हो चाहे रात-कभी 12 ही नहीं बजते। इसके पीछे की वजह की तो वह बेहद दिलचस्प है।

Edited By : Balraj Singh | Updated: Oct 16, 2023 16:47
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ये दुनिया बड़ी रंगीन है या यूं कहिए कि तरह-तरह की विचित्रताओं से भरी पड़ी है। ऐसा ही एक अटपटापन वक्त को लेकर भी है। पूरी दुनिया में दिन के 12 बजते हैं। रात में भी 1 बजते हैं, लेकिन इसके उलट एक जगह ऐसी भी है, जहां दिन हो चाहे रात-कभी 12 ही नहीं बजते। यहां तक कि घड़ियों में 12 अंक ही नहीं होता। अब जाहिर सी बात है कि जब 12 हैं ही नहीं तो फिर बजेंगे कैसे। अब बात आती है इसके पीछे की वजह की तो वह बेहद दिलचस्प है। आइए इस चौंकाने वाले फैक्ट को जरा और करीब से समझें…

जनरल नॉलेज के इस दिलचस्प सवाल का पहला जवाब है कि इस शहर का नाम सोलाथर्न है और सह दुनिया के सबसे सुंदर देशाें में से एक स्विटजरलैंड के दक्षिणी प्रांत कैंटन का राजधानी नगर है। कभी इस शहर में आपका टूर निकले। करीब 11 बजे के बाद अचानक से आपकी घड़ी खराब हो जाए और आप किसी से टाइम पूछ बैठें तो 1 बजने का जवाब सुनकर चौंक मत जाइएगा, क्योंकि वहां 11 के बाद सीधे 1 ही बजता है। असल में इस नगर के लोगों में 11 नंबर के पीछे इतना दिवानापन है कि घड़ी बनाते वक्त 11 का अगला अंक 12 ही नहीं डालते हैं, जो सार्वभौमिक सत्य को पलीता लगाने वाला है।

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इस नगर की तमाम चीजों के साथ 11 नंबर ही जुड़ा मिलेगा, चाहे वह कोई पुराना म्यूजियम, टावर या फव्वारा हो या फिर किसी चर्च के बनने में लगा वक्त। इतना ही नहीं, यहां के लोग जन्मदिन भी 11 तारीख को ही मनाते हैं और उपहार में भी 11 नंबर को तवज्जो देते हैं। अटपटे सवालों के जवाब के लिए जानी जाती सोशल मीडिया वेबसाइट Quora पर एक यूजर ने यह उपयोगी जानकारी पब्लिश की है। अब बात आती है इस अनोखे पहलू की वजह की। इसका आधार एक पौराणिक कथा है।

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मान्यता है कि सदियों पहले की बात है, जब जी-तोड़ मेहनत के बाद यहां के लोगों की जिंदगी से संघर्ष खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था। अचानक नगर में स्थित पहाड़ियों से एक योगिनी प्रकट हुई, जिसके मार्गदर्शन के बाद लोगों की जिंदगी खुशहाल होती चली गई। हालांकि इस तरह का कोई आधिकारिक तथ्य उपलब्ध नहीं है, लेकिन दुनिया में बहुत सीज चीजें लोककथाओं के आधार पर ही अस्तित्व में हैं। जर्मनी की पौराणिक कथाओं में एल्फ यानि देवदूत का बहुत जगह उल्लेख मिल जाएगा। कहा जाता है कि यह अजीब-ओ-गरीब पहलू उसी देवदूत की प्रेरणा का नतीजा है।

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Written By

Balraj Singh

First published on: Oct 16, 2023 04:47 PM
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