India Last Railway Station : भारत में रेल का बहुत बड़ा नेटवर्क है, हजारों ट्रेनों से प्रतिदिन लाखों यात्री सफर करते हैं। कुछ स्टेशन बहुत व्यस्त होते हैं तो कुछ पर भीड़ बहुत कम होती है लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में एक रेलवे स्टेशन ऐसा भी है, जहां कोई ट्रेन रूकती ही नहीं है। जब ट्रेन ही नहीं रूकती तो यात्रियों का वहां होने का कोई सवाल ही नहीं है। ये स्टेशन भारत का आखिरी रेलवे स्टेशन है।
कहां है भारत का आखिरी रेलवे स्टेशन?
भारत-बांग्लादेश सीमा पर सिंघाबाद रेलवे स्टेशन है,ये स्टेशन बंगाल के मालदा जिले के हबीबपुर क्षेत्र में हैं। यहां से बांग्लादेश की दूरी बहुत ही कम है। सिंघाबाद एक ऐसा रेलवे स्टेशन है, जो इस बात के लिए जाता है कि यहां सबसे कम ट्रेनों का ठहराव होता है। हालांकि यह एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण स्टेशन है लेकिन इसके बावजूद यहां ना तो ट्रेन जाती है और ना ही कोई यात्री !
ब्रिटिश काल में सिंघाबाद रेलवे स्टेशन बनाया गया था। इस स्टेशन से होकर सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी जैसे महान लोग भी यात्रा कर चुके हैं। पहले यह रेलवे स्टेशन कोलकाता और ढाका के बीच कनेक्टिविटी का अहम जरिया था, जिससे व्यापार और यात्रा में आसानी होती थी। हालांकि जब 1947 में भारत का बंटवारा हुआ तो इस स्टेशन का महत्व बढ़ गया।
1971 में जब बांग्लादेश बना, तब 1978 में एक समझौता हुआ। इस समझौते के तहत सिंघाबाद से मालगाड़ियों के संचालन की अनुमति मिली । 2011 में इसमें संशोधन किया गया, जिसके बाद नेपाल से आने-जाने वाली ट्रेनों की भी अनुमति मिल गई। ऐसे में सिंघाबाद रेलवे स्टेशन व्यापारिक और कमर्शियल रूप से महत्वपूर्ण हो गया।
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यह स्टेशन अब एकदम सुनसान है, अतीत में यहां जितनी चहलकदमी होती थी , आज उतना ही सन्नाटा है। सुनसान प्लेटफार्म, बंद टिकट काउंटर, मुट्ठी भर कर्मचारी ही स्टेशन पर दिखाई देते हैं। सिंघाबाद को भारत का आखिरी रेलवे स्टेशन कहा जाता है, यहां ना तो यात्री आते हैं और ना ही यहां से कोई जाता है। आज भले ही यह स्टेशन सन्नाटे में हो लेकिन भविष्य में यह स्टेशन एक बार फिर अंतराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।