प्रयागराजः उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में एक अजीबोगरीब मामले सामने आया है। यहां एक अस्पताल में स्वीपर का काम करने वाले धीरज की मौत हो गई। धीरज की मौत इस वक्त पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है, वो इसलिए कि स्वीपर धीरज करोड़पति था। उसके खाते में 70 लाख रुपये हैं। जानकारी के मुताबिक उसने कभी अपने खाते से पैसे नहीं निकाले। उसने कभी शादी भी नहीं की। मामले की जांच हुई तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
पिता की जगह मिली थी नौकरी, अस्पताल में रहता था
प्रयागराज के जिला कुष्ठ रोग विभाग में धीरज स्वीपर की नौकरी करता था। अधिकारियों ने बताया कि उसके पिता सुरेश चंद्र भी यहां स्वीपर का काम करते थे, लेकिन उनकी दिसंबर 2012 में मौत हो गई। उनकी मौत के बाद मृतक आश्रित कोटे से धीरज को नौकरी मिल गई। जानकारी के मुताबिक 10 साल की नौकरी में धीरज ने अपने बैंक खाते से एक रुपया नहीं निकाला। अधिकारियों का कहना है कि उसके पिता ने भी कभी अपने बैंक खाते से पैसा नहीं निकाला। दोनों के पैसे उनके खातों में ही जमा हैं। वर्तमान में उनके खाते में 70 लाख रुपये हैं।
टीबी के कारण हुई धीरज की मौत, अब बची सिर्फ मां
अधिकारियों ने बताया कि धीरज काफी दिनों से टीबी (ट्यूबरकोलोसिस) से पीड़ित था। उसी के चलते रविवार को उसकी मौत हो गई। अब उसके परिवार में सिर्फ 80 वर्षीय मां बची है। उनका रो-रोकर बुरा हाल है। आसपास के लोगों और धीरज के दोस्तों ने बताया कि वह कभी बैंक खाते से पैसे नहीं निकालता था। जब भी उसे जरूरत होती थी तो वह लोगों से पैसे मांगकर अपना काम चलाता था। इतना ही नहीं उसके पिता भी लोगों से पैसे मांगकर काम चलाते थे। वे कभी कहीं जाते भी नहीं थे।
पैसों की खातिर कभी नहीं की शादी
वहीं कुछ परिचितों ने बताया कि धीरज ने शादी भी नहीं की थी, क्योंकि उसे डर था कि शादी के बाद पत्नी पैसे लेकर भाग जाएगी। कुष्ठ रोग विभाग के लोगों ने बताया कि धीरज अस्पताल परिसर में बने घर में ही रहता था। जानकारी के मुताबिक उसने अपनी पूरी नौकरी के दौरान कभी छुट्टी भी नहीं ली।