Lucknow: उत्तर प्रदेश में जल्द ही बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी हो सकी है। बिजली कंपनियों ने फ्यूल सरचार्ज के नाम पर बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी संबंधी प्रस्ताव उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के सामने पेश किया है। हालांकि उत्तर प्रदेश विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इसका विरोध किया है। साथ ही कंपनियों पर उपभोक्ताओं के निकल रहे करीब 25 हजार करोड़ के एवज में बिजली सस्ती किए जाने की मांग की है। बिजली कंपनियों के प्रस्ताव के मुताबिक 35 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाए जाने की आशंका है।
35 पैसे प्रति यूनिट का बढ़ सकता है बोझ
जानकारी के मुताबिक बिजली कंपनियों ने अप्रैल, मई और जून में महंगी बिजली खरीदने के लिए करीब एक हजार करोड़ रुपये फ्यूल सरचार्ज के तौर खर्च किए थे। अब इन्हें उपभोक्ताओं से वसूलने के लिए प्रस्ताव तैयार करके आयोग को सौंपा है। वहीं पावर कारपोरेशन निदेशक (वाणिज्यिक) की ओर से रेगुलेशन के तहत आयोग में दाखिल प्रस्ताव पर यदि अनुमोदित होता है तो सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं के लिए 35 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी हो जाएगी। बताया जा रहा है कि कारपोरेशन की ओर से बुधवार को उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह के सामने बिजली कंपनियों ने एक प्रजेंटेशन दिया गया था।
उपभोक्ता परिषद ने किया दरों को बढ़ाने का विरोध
वहीं इन मामलों से जुड़े जानकारों ने बताया कि कारपोरेशन की ओर से पेश प्रस्ताव को आयोग आसानी से अनुमोदित नहीं करता है। इसकी पूरी एक प्रक्रिया है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने फ्यूल सरचार्ज के नाम पर जनता के लिए बिजली को महंगी करने का विरोध किया है। कहा है कि इसे लागू करने से पहले उपभोक्ताओं की राय लेनी चाहिए, क्योंकि यह रेगुलेशन के तहत है। वहीं उत्तर प्रदेश विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने बताया कि आयोग के चेयरमैन ने उन्हें भरोसा दिया है कि सभी पहलुओं पर चर्चा के बाद कोई कार्यवाही की जाएगी।
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