Greater Noida News: यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) जेपी बिल्डर प्रोजेक्ट में फंसे करीब 4 हजार से अधिक खरीदारों की सुनवाई के लिए वेबसाइट लॉन्च करेगी। अथॉरिटी अधिकारी के मुताबिक, पोर्टल पर खरीदार अपने प्रोजेक्ट, भुगतान की गई राशि और परियोजना में बने रहने या हटने की इच्छा जैसे विवरण दर्ज कर सकेंगे। अथॉारिटी का दावा है कि इससे फ्लैट खरीदार को अपने सपनों का आशियाना मिलने में आसानी होगी।
शैलेन्द्र भाटिया को नोडल अधिकारी नियुक्त
यमुना अथॉरिटी सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि घर खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए एक सब-कमेटी का गठन भी किया है। नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) में खरीदारों की ओर से पैरवी कर रहे अमरपाल को उच्च न्यायालय की ओर से गठित समिति में अधिकृत प्रतिनिधि नामित किया गया है। इसके अलावा ओएसडी शैलेन्द्र भाटिया को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जो खरीदारों की शिकायतों और स्टाल्ड प्रोजेक्ट्स से संबंधित समस्याओं का समाधान करेंगे।
12 अधूरी परियोजनाओं का होगा ग्राउंड सर्वे
बताया जा रहा है कि यीडा ने जेपी एसोसिएट्स की अधूरी पड़ी परियोजनाओं को पूरा कराने के लिए बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। इसमें अंतरराष्ट्रीय परामर्श फर्म करी एंड ब्राउन को सभी 12 अधूरी परियोजनाओं का ग्राउंड सर्वे करने का जिम्मा सौंपा। यह फर्म इन परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति का आकलन करेगी और एक नई विकास कंपनी के चयन के लिए आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) तैयार करेगी।
15 दिनों में यह आरएफपी होगी तैयार
अथॉरिटी की योजना अगले 15 दिनों में यह आरएफपी तैयार करने की है, जिसे उच्च स्तरीय समिति के सामने मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। इसके बाद यह दस्तावेज प्रकाशित किया जाएगा और प्रतिष्ठित कंपनियों को ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन) मोड के तहत बोलियां आमंत्रित की जाएंगी। यीडा ने वर्ष 2009-10 में जेएएल की सहायक कंपनी जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स को स्पोर्ट्स सिटी के विकास के लिए विशेष विकास क्षेत्र (एसडीजेड) योजना के तहत 1000 हेक्टेयर भूमि आवंटित हुई थी। परियोजना में बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट शामिल है, जिसमें पिछले साल मोटोजीपी बाइक रेस आयोजित हुई थी। इसके साथ ही चार हजार से अधिक फ्लैट खरीदारों से जुड़ी दस आवासीय परियोजनाएं भी शामिल हैं।
इतने महीने में पूरी होंगी परियोजनाएं
यमुना अथॉरिटी के मुताबिक, जेपी एसोसिएट्स ने एसडीजेड की 10 परियोजनाओं को पूरा करने में 2433 करोड़ रुपये का आकलन किया था। इन सभी 10 परियोजनाओं के 2262 फ्लैट खरीदारों पर महज 532 करोड़ रुपये ही है। इसमें करीब 80 फीसदी धनराशि 19 सौ करोड़ रुपये वह फ्लैट खरीदारों से पहले ही वसूल चुका है। जबकि कई परियोजनाएं 25 फीसदी तक भी नहीं पहुंची हैं। न्यायालय ने इन परियोजनाओं की समयसीमा तय की है। इसमें 75 फीसदी पूरी हुई परियोजनाओं को एक साल में पूरा करना होगा। 50 फीसदी पूरी हुई परियोजनाएं 18 महीने में पूरी होंगी। 25 फीसदी पूरी हुई परियोजनाएं 30 महीने में पूरी होंगी। अन्य परियोजनाएं 36 महीने में पूरी होंगी।