यूपी के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह समेत 15 लोगों के खिलाफ सीजेएम कोर्ट से गिरफ्तार वारंट जारी हुआ है। इस सभी पर आरोप लगा है कि ये लोग एक 15 साल पुराने मामले में कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे। इन सभी के खिलाफ एक पुराने मामले में कोर्ट में पेश न होने की वजह से सभी को वारंट जारी किया है। जिस मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है, वो मामला 2015 का है।
क्या है पूरा मामला?
साल 2015 सितंबर में एक टेंडर को लेकर विवाद हो गया था। तब तत्कालीन मंत्री नारद राय और चेयरमैन साधना गुप्ता के प्रतिनिधि आमने-सामने आ गए थे। दोनों ही जनप्रतिनिधि सपा पार्टी में ही थे। जब विवाद ज्यादा बढ़ गया था तो शहर में प्रदर्शन किया गया था। उस समय जिला प्रशासन (District Administration) ने सेक्शन 144 लागू कर दी थी। 9 सितंबर 2015 को उस समय के पोस्ट इंचार्ज ओक्डेनगंज सत्येंद्र राय ने बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह (तब वे एमएलए नहीं थे), सतीश अग्रवाल, दीपक कुमार, सर्वदमन जायसवाल, राजेश गुप्ता, बंटी वर्मा, रामजी गुप्ता, नागेंद्र पांडेय, संतोष सोनी, पप्पू पांडेय, धीरज गुप्त, मनोज गुप्ता, ओमप्रकाश तुरहा समेत 17 के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
रोड जाम होने पर लोगों को हुई थी दिक्कत
जिसमें आरोप लगा था कि सभी माल गोदाम चौराहा पर रोड जाम कर दी थी, लोगों को आने-जाने में दिक्कत हो गई थी। इस मामले में कुछ लोगों ने जमानत करा ली, लेकिन जो लोग कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। उनपर आज इस मामले में सुनवाई हुई है। जिसमें कोर्ट ने कहा है कि पुलिस सभी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करे। इस मामले पर मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं थी।
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