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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

वोटर लिस्ट से कहीं कट तो नहीं जाएगा आपका नाम? क्या सबके लिए है ऑनलाइन SIR? कुछ सवाल जिनके जवाब जानना जरूरी

Election Commission: उत्तर प्रदेश सहित 12 राज्यों में इस समय SIR प्रक्रिया चल रही है. जिसे लेकर कई लोगों के मन में भ्रम और चिंता पैदा हो गई है. सबसे आम सवाल यह है कि यदि SIR के दौरान किसी व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में न मिले, तो क्या उसकी नागरिकता प्रभावित होगी या उसे देश से बाहर किया जा सकता है?

Author Written By: News24 हिंदी Updated: Nov 26, 2025 14:23
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SIR

Election Commission: उत्तर प्रदेश सहित 12 राज्यों में इस समय SIR प्रक्रिया चल रही है. जिसे लेकर कई लोगों के मन में भ्रम और चिंता पैदा हो गई है. सबसे आम सवाल यह है कि यदि SIR के दौरान किसी व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में न मिले, तो क्या उसकी नागरिकता प्रभावित होगी या उसे देश से बाहर किया जा सकता है? स्पष्ट कर देना जरूरी है कि SIR का नागरिकता से कोई संबंध नहीं है. यह केवल मतदाता सूची को अधिक सटीक बनाने, गलतियों को ठीक करने और डुप्लीकेट या गलत प्रविष्टियों को हटाने की प्रक्रिया है. अफवाहों और गलत सूचनाओं के कारण लोगों में भ्रम फैल रहा है. इसलिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि SIR सिर्फ वोटर लिस्ट के अपडेट से जुड़ी प्रक्रिया है.

कैसे भर सकते है ऑनलाइन फार्म

जिन मतदाताओं तक BLO के माध्यम से SIR फॉर्म नहीं पहुंच पा रहा है. वे इसे ऑनलाइन भी भर सकते हैं. हालांकि, ऑनलाइन फॉर्म केवल वही व्यक्ति भर सकेंगे जिनका मोबाइल नंबर पहले से उनकी वोटर ID से जुड़ा हुआ है. यदि नंबर लिंक नहीं है, तो सिस्टम लॉगिन की अनुमति नहीं देगा और ऐसे में फॉर्म केवल ऑफलाइन तरीके से यानी BLO की मदद से ही भरा जा सकेगा. वोटर ID बनवाने के लिए आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और भारतीय नागरिकता अनिवार्य है. पहचान प्रमाण के रूप में आधार कार्ड का उपयोग किया जा सकता है, जबकि पते के प्रमाण के लिए बिजली-पानी का बिल, बैंक पासबुक या अन्य मान्य दस्तावेज लगाए जा सकते हैं.

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वोटर ID का 10 अंकों का यूनिक नंबर महत्वपूर्ण

SIR प्रक्रिया को अब अनिवार्य बनाया गया है ताकि मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी और सटीक बनाया जा सके और फर्जी वोटिंग पर प्रभावी रूप से रोक लगाई जा सके. इस प्रक्रिया के तहत उन लोगों के नाम हटाए जाएंगे, जिनका निधन हो चुका है या जो स्थायी रूप से किसी अन्य स्थान पर बस गए हैं. SIR लागू होने के बाद एक व्यक्ति केवल एक ही स्थान से मतदाता के रूप में पंजीकृत हो सकेगा. इससे दोहरी एंट्री जैसी त्रुटियों को दूर करने में मदद मिलेगी. EPIC यानी वोटर ID का 10 अंकों का यूनिक नंबर न केवल मतदान के लिए आवश्यक है, बल्कि कई सरकारी योजनाओं और सेवाओं में पहचान प्रमाण के रूप में भी इस्तेमाल होता है. SIR का उद्देश्य केवल वोटर लिस्ट को अपडेट करना है और यदि आपके सभी दस्तावेज सही हैं, तो आपका नाम सूची से नहीं हटाया जाएगा.

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First published on: Nov 26, 2025 02:23 PM

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