सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में देश का पहला इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी बनाने का निर्णय लिया है। बता दें कि पहले स्टेप मे एनटीपीसी घरेलू सॉलिड वेस्ट से चारकोल तैयार किया जाएगा। वेस्ट टू चारकोल प्लांट करीब 500 टन प्रतिदिन कूड़ा निस्तारण की क्षमता रख सकता है। चारकोल बनाने के लिए सहजनवा के सुथनी में स्थापित प्लांट में मशीनों का ट्रायल शुरू हो गया है।
चारकोल से तैयार किया जाएगा इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी
बता दें कि नगर निगम द्वारा गोरखपुर में इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी में हजार्डस डोमेस्टिक वेस्ट डिस्पोजल प्लांट बनाने की पूरी तैयारी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप कचरा प्रबंधन (वेस्ट मैनेजमेंट) में गोरखपुर को रोल मॉडल बनाने की तैयारी जोरों पर जारी है। योगी सरकार के निर्देश पर नगर निगम, सहजनवा के सुथनी में 40 एकड़ में इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी बना रहा है। इसके अंतर्गत पहले चरण में नगर निगम से एमओयू कर नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) ठोस घरेलू कचरे (सॉलिड डोमेस्टिक वेस्ट) से टॉरेफाइड चारकोल बनाने बनाएगा। एनटीपीसी ने कचरे से चारकोल प्रोडक्शन यूनिट लगाने का काम लगभग पूरा कर लिया है और वर्तमान में मशीनों के ट्रायल का दौर जारी है।
NTPC ने वेस्ट टू चारकोल प्रोजेक्ट में खर्च किए 225 करोड़
देश में कूड़े से टॉरेफाइड चारकोल (हरित कोयला) बनाने का पहला प्लांट वाराणसी में लगा है। अब दूसरा प्लांट गोरखपुर में लग रहा है। एनटीपीसी की तरफ से लगने वाले इस प्लांट के लिए नगर निगम ने अपने तरह के देश अनूठे प्रोजेक्ट इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी में 15 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई है। एनटीपीसी ने वेस्ट टू चारकोल प्रोजेक्ट के लिए 255 करोड़ रुपये का निवेश किया है। प्लांट के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में नगर निगम और एनटीपीसी के बीच करार 15 अक्टूबर 2023 को हुआ था। अब इस प्लांट का फेज वन बनकर लगभग तैयार है।
500 टन प्रतिदिन आता है कचरा
नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल के अनुसार इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी सुथनी (सहजनवा) में एनटीपीसी का 500 टन प्रतिदिन की क्षमता के कचरे से चारकोल बनाने का प्लांट जल्द ही क्रियाशील हो जाएगा। एनटीपीसी को चारकोल बनाने के लिए जरूरी कचरा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी नगर निगम की होगी। इसमें कोई दिक्कत भी नहीं आएगी।
25 सालों के बाद 650 करोड़ की होगी बचत
करीब 500 टन प्रतिदिन कचरे का उत्सर्जन अकेले नगर निगम क्षेत्र में है। इसमें से 200 टन गीला कचरा प्रस्तावित बायो सीएनजी प्लांट को एवं शेष सूखा कचरा चारकोल प्लांट को जाएगा। इसके साथ ही आसपास की नगरपालिका या नगर पंचायतों जैसे खलीलाबाद नगरपालिका, सहजनवा, घघसरा, उनवल, मगहर, बांसगांव आदि नगर पंचायतों से भी निकलने वाले कूड़े को प्लांट को उपलब्ध कराया जाएगा। एनटीपीसी के चारकोल प्लांट के लगने से नगर निगम पर 25 वर्षों में आने वाले संचालन एवं अनुरक्षण हेतु टिपिंग फीस पर करीब 650 करोड़ रुपये के वित्तीय व्यय भार की बचत होगी। प्लांट से निकलने वाले चारकोल को एनटीपीसी द्वारा समय समय पर अपने पॉवर प्लांट पर शिफ्ट कर दिया जाएगा। इससे स्टोरेज के लिए अधिक भूमि की जरूरत नहीं पड़ेगी।
10 एकड़ में बायो सीएनजी प्लांट भी बनेगा
इस बीच नगर निगम की तरफ से खतरनाक घरेलू कचरा (हजार्डस डोमेस्टिक वेस्ट) के निस्तारण के लिए 5 टन प्रतिदिन की क्षमता का प्लांट लगाने की भी प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए सिविल वर्क का कार्य जारी है। इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी में 10 एकड़ में बायो सीएनजी प्लांट भी स्थापित होना है। यहां लिक्विड वेस्ट की प्रोसेसिंग होगी। बायो सीएनजी प्लांट के लिए नगर निगम ने 10 एकड़ जमीन की व्यवस्था की है।
जर्मनी में सराहा जा चुका है इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी का प्रेजेंटेशन
नगर निगम गोरखपुर के इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी का प्रेजेंटेशन जर्मनी के बर्लिन शहर में इस माह के पहले सप्ताह में सर्कुलर इकोनॉमी की एक महत्वपूर्ण ग्लोबल बैठक में हो चुका है। इस बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल में गोरखपुर के नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल भी शामिल हुए थे। वेस्ट मैनेजमेंट के लिए एकीकृत व्यवस्था के इस मॉडल को वहां खूब सराहना मिली।