Uttarkashi Tunnel Rescue Operation Final Stage: उत्तराखंड के उत्तराकाशी स्थित सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने का काम तेजी से चल रहा है। अधिकारियों के अनुसार, रेस्क्यू ऑपरेशन फाइनल स्टेज में है। कल देर रात तकनीकी खराबी के कारण कई घंटों तक ड्रिलिंग करने के बाद रोक दी गई थी।
जानकारी के अनुसार, रेस्क्यू ऑपरेशन लास्ट स्टेज में है, लेकिन एक दिक्कत भी है। रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी अमेरिकन ऑगर मशीन के सामने कुछ अड़चनें आ रही हैं। इसके सामने कभी पत्थर तो कभी सरिया आ रहे हैं। शुक्रवार शाम एक बार फिर तकनीकी खराबी आने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया। जानकारी के अनुसार, फिलहाल अमेरिकी ऑगर मशीन द्वारा की जा रही ड्रिलिंग रोक दी गई है।
बचाव अभियान शुक्रवार सुबह फिर से शुरू हुआ। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बचाव अभियान अपने अंतिम चरण में है। बचाव अभियान में सहायता कर रहे एक शीर्ष अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि 6-6 मीटर के दो और पाइप मलबे में डालने होंगे, उम्मीद है कि दूसरा पाइप भी सफलता देगा।
#WATCH | Silkyara tunnel rescue operation | Member of the National Disaster Management Authority, Lt General Syed Ata Hasnain (Retd.) says, "Using ground penetrating radar, it has been detected that there is no obstacle the next 5 mtrs on our path. We continue to use this to… pic.twitter.com/OzgNvU8rvk
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) November 24, 2023
एक अधिकारी ने कहा- 22 नवंबर को ऑगर मशीन के रास्ते में सरिया से आई रुकावट आने के बाद इसी दिन मशीन खराब हो गई। 23 नवंबर को मशीन का प्लेटफॉर्म धंस गया था। बचाव अधिकारी ने कहा- फिर पाइप को काटकर छोटा कर दिया गया। साथ ही ऑगर मशीन को भी ठीक किया जा चुका है। अब फुल स्ट्रेंथ का ऑगर डालकर बचाव कार्य किया जाएगा। अधिकारी ने आगे कहा- 46.8 मीटर तक की ड्रिलिंग हो चुकी है। अभी 15 मीटर की खुदाई करना और बाकी है। सुरंग में 6-6 मीटर के दो पाइप डालने के बाद हमें कुछ सफलता मिल सकती है।
"Hope to push pipe further this time with no obstacle": Official on Uttarkashi tunnel rescue
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अधिकारी ने आगे कहा- ऑगर की वेल्डिंग की जा रही है। डेढ़ से दो घंटे बाद का जो एक घंटा रहेगा, वो हमारे लिए चुनौतीपूर्ण होगा। हमारी टीम पाइपों को काटकर ला रही है। उम्मीद है कि सब अच्छा होगा, सभी से गुजारिश है कि उनके लिए प्रार्थना करें। बता दें कि टनल में मजदूर 12 नवंबर से फंसे हुए हैं। सुरंग स्थल पर 41 एम्बुलेंस तैनात की गई हैं। इनमें से 31 ‘ऑपरेशन 108 एम्बुलेंस’ हैं, जबकि 10 राज्य प्रशासन द्वारा दी गई हैं।
Salut to this team who worked day and night for rescuing 41 people who were stranded for 12 days 🙏🙏🙏#UttarkashiRescue
— Vineeth K (@DealsDhamaka) November 24, 2023
है मोहब्बत इस वतन से अपनी मिट्टी से हमें
इसलिए अपना करेंगे जान-ओ-तन क़ुर्बान हम।।
सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के लिए जान हथेली पर रखकर बचाव कार्य का नेतृत्व कर रहे हैं गोरखपुर के प्रवीण यादव जी।#UttarkashiRescue #UttarakhandTunnel #HappyThanksgiving
#UttarakhandTunnelRescue pic.twitter.com/6MqSNKM6QV— Risky Yadav (@riskyyadav41) November 24, 2023
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) ने कहा- “जमीन भेदने वाले रडार का उपयोग करके यह पता लगाया गया है कि हमारे रास्ते में अगले 5 मीटर तक कोई बाधा नहीं है। हम बाधाओं का पता लगाने के लिए इसका उपयोग करना जारी रखेंगे।”
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