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समान नागरिक संहिता क्या? लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड; हुए ये बड़े बदलाव

Uttarakhand Uniform Civil Code All Details: उत्तराखंड में आज समान नागरिक संहिता (UCC) लागू हो गया है तो आइए जानते हैं कि आखिर यह कानून क्यों इतना खास है और इसके लागू होने के बाद क्या-कुछ बदल गया है?

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Jan 27, 2025 13:08
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Uttarakhand UCC

Uttarakhand Uniform Civil Code All Details: उत्तराखंड सरकार आज यानी सोमवार को समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर दिया है। वैसे तो UCC गोवा में पहले से लागू हैं, लेकिन आजादी के बाद यह कानून लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है। आज एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने UCC को लागू करने का ऐलान किया। दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, गणेश जोशी, प्रेमचंद अग्रवाला के साथ राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, मुख्य सचिव उत्तराखंड राधा रतूड़ी भी मौजूद रहे। आइए जानते हैं कि UCC आखिर क्या है और इसके लागू होने के बाद उत्तराखंड में क्या बड़े बदलाव हो सकते हैं?

संविधान के DPSP में है मौजूद

समान नागरिक संहिता (UCC) बेशक देश के कानून का हिस्सा नहीं है, लेकिन संविधान के चौथे भाग में इसका उल्लेख देखने को मिलता है। राज्य के नीति निदेश तत्व (DPSP) के अनुच्छेद 44 में UCC को लागू करने का निर्देश दिया गया है। हालांकि यह कानूनी रूप से बाध्य नहीं है। यही वजह है कि देश में अक्सर UCC को कानूनी रूप देने की मांग उठती रही है।

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उत्तराखंड ने की पहल

देश के स्तर पर UCC लागू करना आसान नहीं है। कई लोग इसका विरोध कर चुके हैं। मगर उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है जो राज्यस्तर पर UCC को लागू करेगा। बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने घोषणा पत्र जारी किया था। इसमें UCC लागू करने का वादा किया गया था। वहीं अब पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार अपना वादा पूरा करने जा रही है।

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UCC क्या है?

जैसा की UCC के नाम से पता चलता है कि यह कानून सभी नागरिकों को समान अधिकार दिलाने का पक्षधर है। यह कानून किसी भी नागरिक के साथ जाति, धर्म, लिंग या अन्य आधारों पर भेदभाव नहीं करता है। इसके लागू होने के बाद शादी, तलाक, उत्तराधिकार, विरासत और संपत्ति विवादों से जुड़े कानूनों में बड़ा बदलाव हो सकता है।

UCC से क्या बदलेगा?

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने के बाद हिन्दू मैरिज एक्ट 1955 और शरिया कानून मान्य नहीं होंगे। तो आइए जानते हैं इससे उत्तराखंड में क्या बदलाव होंगे?

1. शादी के लिए सभी लड़कों की उम्र कम से कम 21 साल और लड़कियों की उम्र 18 साल होनी चाहिए।

2. शादी करने के 60 दिनों के भीतर पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा।

3. सभी धर्म के लोग बच्चों को गोद ले सकेंगे। मगर कोई एक धर्म का व्यक्ति दूसरे धर्म के बच्चे को गोद नहीं ले सकेगा।

4. हलाला और बहुविवाह जैसी प्रथाएं बंद हो जाएंगी। लड़की और लड़कों को बराबरी की हिस्सेदारी मिलेगी।

5. लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल्स के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा। वहीं बिना लिव-इन में रहने वाले कपल्स के अगर बच्चा होता है, तो उस बच्चे को शादीशुदा कपल्स के बच्चे की तरह सभी अधिकार मिलेंगे।

6. संपत्ति, उत्तराधिकार और विरासत से जुड़े विवादों का निपटारा समान नागरिक के तहत होगा।

7. उत्तराखंड के निवासियों के अलावा अन्य राज्यों से आए लोगों पर भी यह कानून लागू होगा। हालांकि अनुसूचित जनजातियों और संरक्षित समुदायों को इस कानून से बाहर रखा जाएगा। उन पर UCC लागू नहीं होगा।

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Sakshi Pandey

First published on: Jan 27, 2025 09:18 AM

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