Uttarakhand Tunnel Rescue Operation: उत्तराखंड के उत्तराकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अब एक नये प्लान पर काम किया जाएगा। क्योंकि मशीन से ड्रिलिंग में बार-बार रुकावट आ रही है और हादसा होने का खतरा भी है, ऐसे में अब मैन्युलअल ड्रिलिंग करने का फैसला लिया गया है, यानी अब हाथों से खुदाई करके मलबा हटाया जाएगा, जिसमें करीब 14 से 15 घंटे का समय लग सकता है। ऐसे में सुरंग में फंसे मजदूरों की जिंदगी अब आने वाले 15 घंटों के लिए फिर से अटक गई है। मैन्युलअल ड्रिलिंग जल्द शुरू होने के आसार हैं।
Salut to this team who worked day and night for rescuing 41 people who were stranded for 12 days 🙏🙏🙏#UttarkashiRescue
---विज्ञापन---— Vineeth K (@DealsDhamaka) November 24, 2023
13 दिन से अंदर मजदूरों की सांसें अटकी, बाहर उनके परिजनों के दिलों की धड़कनें तेज हैं। पूरे देश की निगाहें इस बचाव अभियान पर टिकी हैं और सभी के दिल दिमाग में एक ही सवाल है कि आखिर 15 मीटर की दूरी, कब पूरी होगी? पिछले 2 दिन से मजदूरों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन ड्रिलिंग मशीन में खराबी आने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन बार-बार रोकना पड़ रहा है। मशीन के सामने कभी पत्थर तो कभी सरिये आ रहे हैं। बता दें कि सिल्कयारा सुरंग में जिंदगी और मौत के बीच फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की 19 एजेंसियां लगी हैं।
#WATCH | Silkyara tunnel rescue operation | Member of the National Disaster Management Authority, Lt General Syed Ata Hasnain (Retd.) says, “Using ground penetrating radar, it has been detected that there is no obstacle the next 5 mtrs on our path. We continue to use this to… pic.twitter.com/OzgNvU8rvk
— ANI (@ANI) November 24, 2023
आखिर का एक घंटा काफी चुनौतीपूर्ण बताया गया
बचाव अभियान में मदद कर रहे एक शीर्ष अधिकारी ने समाचार एजेंसी ANI को बताया कि 6-6 मीटर के 2 और पाइप मलबे में डालने होंगे। 22 नवंबर को ऑगर मशीन के रास्ते में सरिया आने से मशीन खराब हो गई। 23 नवंबर को मशीन का प्लेटफॉर्म धंस गया। पाइप को काटकर छोटा कर दिया गया। ऑगर मशीन को भी ठीक किया जा चुका है। 46.8 मीटर तक की ड्रिलिंग हो चुकी है। अभी 15 मीटर की खुदाई करनी और बाकी है। शुरुआत के डेढ़ से 2 घंटे के बाद का जो एक घंटा रहेगा, वह काफी चुनौतीपूर्ण होगा। उम्मीद है कि सब अच्छा होगा। लोगों से गुजारिश है कि मजदूरों के लिए प्रार्थना करें। बता दें कि टनल में मजदूर दिवाली वाले दिन 12 नवंबर से फंसे हुए हैं। सुरंग स्थल पर 41 एम्बुलेंस तैनात की गई हैं। इनमें से 31 ‘ऑपरेशन 108 एम्बुलेंस’ हैं, जबकि 10 राज्य प्रशासन द्वारा दी गई हैं।
#WATCH उत्तरकाशी (उत्तराखंड): केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) सिल्कयारा सुरंग स्थल पर पहुंचे जहां फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है। pic.twitter.com/hU8796LtR0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 24, 2023
सुरंग के अंदर अब तक जिंदा कैसे हैं 41 मजदूर?
इसे कुदरत का करिश्मा ही कहेंगे कि 13 दिन से सुरंग के अंदर फंसे मजदूर जिंदा हैं और बिल्कुल स्वस्थ हैं, क्योंकि उनको पहले दिन से खाना-पानी और दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं। उनकी मानसिक स्थिति का ध्यान रखा जा रहा है। बचाव कार्य में लगी टीमों ने मजदूरों तक भोजन पहुंचाने के लिए विशेष व्यवस्था की है। इसके लिए एक विशेष टीम गठित की गई है, जिन्होंने शुक्रवार को 41 मजदूरों को ब्रेकफास्ट में दूध, ब्रेड और चने पहुंचाए हैं, जबकि गुरुवार को ब्रेकफास्ट में उपमा और दोपहर के खाने में दाल-चावल दिए थे। आप श्रमिकों के लिए खाना पैक करते हुए वीडियो भी देख सकते हैं।
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