Uttarakhand Tunnel Collapse Latest News: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में पिछले 9 दिन से सिल्क्यारा सुरंग में 41 मजदूर जिंदगी-मौत की जंग लड़ रहे हैं। सोमवार को एक राहत की खबर सामने आई। मजदूरों तक छह इंच का पाइप पहुंच गया है, जिसके जरिए उन्हें पौष्टिक भोजन और दवाएं पहुंचाई जा सकती हैं। ये मजदूर भूस्खलन के बाद एक हफ्ते से ज्यादा समय से फंसे हुए हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम (एनएचआईडीसीएल) के निदेशक अंशु मनीष खुल्को ने कहा कि ‘वैकल्पिक 6 इंच की जीवन रेखा’ 53 मीटर की ड्रिलिंग के बाद मजदूरों तक पहुंची। उन्होंने कहा कि इस सफलता की जानकारी मिलने के बाद फंसे हुए मजदूरों में खुशी का माहौल है।
#WATCH | Uttarkashi Tunnel Accident | Colonel Deepak Patil says, "We will send food, mobile, and charger to the people who are trapped inside the tunnel. We will also try to install a WiFi connection inside. DRDO robots are also working…" pic.twitter.com/5cj6cENt9G
— ANI (@ANI) November 20, 2023
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#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) Tunnel rescue | Morning visuals from Silkyara Tunnel where 41 workers are stranded after a part of the tunnel collapsed on November 12. pic.twitter.com/lsOPP1SZK2
— ANI (@ANI) November 20, 2023
अंशु मनीष खुल्को ने आगे बताया कि 6 इंच का पाइप 53 मीटर लंबा है। यह हमारे लिए एक बड़ी सफलता है। वैकल्पिक जीवन रेखा होने के अलावा यह हमें ऑक्सीजन और भोजन दोनों पहुंचाने की सुविधा दे सकेगी। निर्माणाधीन सुरंग में छह इंच की पाइप पहुंचने के बाद फंसे मजदूरों से बातचीत के बारे में उन्होंने कहा- फंसे हुए मजदूरों में से एक दीपक कुमार के एक रिश्तेदार ने उनसे बात की। उन्होंने बताया कि वहां माहौल खराब है।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue operation | International Tunneling Expert, Arnold Dix says "We are going to get those men out. Great work is being done here. Our whole team is here and we are going to find a solution and get them out. A lot of work is being done… https://t.co/ta5cXfBRyv pic.twitter.com/Mfwkxu5UbJ
— ANI (@ANI) November 20, 2023
12 नवंबर को पता चला था कि निर्माणाधीन सुरंग में 60 मीटर की दूरी पर मलबा गिरने के कारण सुरंग ढह गई थी, जिसमें 41 मजदूर फंस गए। एनएचआईडीसीएल के निदेशक ने कहा कि बचाव दल अब मजदूरों को निकालने के लिए पूरी ताकत से जाएंगे।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) Tunnel rescue | In order to better deliver food and water to the workers trapped in the tunnel, instead of the 4-inch pipeline, a 6-inch pipeline was laid for around 40 meters. Rescue operation to bring out 41 stranded workers, is currently… pic.twitter.com/bJTstgyuZI
— ANI (@ANI) November 20, 2023
खुल्को ने कहा, “पहले संदेह था कि अगर पहली जीवन रेखा बंद हो गई तो क्या होगा। लेकिन अब जब हमने एक वैकल्पिक जीवन रेखा स्थापित कर ली है, तो अब हम पूरी ताकत से आगे बढ़ेंगे।” इस बीच, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की दो रोबोटिक्स मशीनें साइट पर पहुंच गई हैं। इनमें से एक का वजन 20 किलोग्राम और दूसरी का 50 किलोग्राम है।
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