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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

पतंजलि गुलाब शरबत.. स्वदेशी ड्रिंक देश की शिक्षाप्रणाली में कैसे हिस्सेदार?

पतंजलि गुलाब शरबत की हर बोतल अब शिक्षा का साधन। जानिए कैसे यह स्वदेशी पेय देश के स्थानीय स्कूलों की सहायता और चैरिटी कार्यों में योगदान दे रहा है।

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Apr 19, 2025 13:05

भारत में शिक्षा का उद्देश्य केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रहा है। भारतीय शिक्षा प्रणाली का मूल उद्देश्य हमेशा से विद्यार्थी के सम्पूर्ण विकास पर रहा है। इसमें शारीरिक, मानसिक, और नैतिक विकास शामिल है। इसी क्रम में, जब हम स्वदेशी उत्पादों की बात करते हैं, तो वे न केवल आत्मनिर्भरता की भावना को प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं को भी शिक्षा का हिस्सा बनाते हैं। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण द्वारा स्थापित पतंजलि ब्रांड का गुलाब शरबत एक ऐसा ही स्वदेशी पेय है, जो आधुनिक शिक्षा प्रणाली में कई रूपों में अपना योगदान कर रहा है। कंपनी को इस प्रोडक्ट से पिछले 3 सालों में अच्छा खासा मुनाफा मिला है। कमाई का एक बड़ा हिस्सा देश के गरीब बच्चों की शिक्षा में भी लगाया जा रहा है।

कैसे निर्मित हुआ यह पेय?

गुलाब शरबत का निर्माण हरिद्वार के पतंजलि आयुर्वेद के प्लांट में हुआ था। इस प्रोडक्ट का निर्माण पूरी तरह से नेचुरल रखा गया है। ताजी गुलाब की पंखुड़ियों से इसे बनाया जाता है, जिसकी खरीद ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों से होती है। इस वजह से बिचौलियों की भूमिका कम होती है और किसानों को बेहतर मूल्य मिलता है। इस प्रक्रिया ने गांवों-गांवों में लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं।

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स्वास्थ्य को लाभ

आयुर्वेद में गुलाब शरबत का सेवन मन को शांत करने, पाचन में सुधार करने और शरीर को ठंडक देने के लिए किया जाता है। विद्यालयों में यदि इस प्रकार के प्राकृतिक पेय को भोजन या मिड-डे मील कार्यक्रमों में शामिल किया जाए, तो बच्चों को स्वास्थ्यवर्धक विकल्प मिलेंगे। इससे एक तो विद्यार्थियों का स्वास्थ्य सुधरेगा और दूसरा आयुर्वेदिक ज्ञान को भी शिक्षा से जोड़ा जा सकेगा।

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स्वदेशी उत्पादों के प्रति जागरूकता

शिक्षा केवल एकेडेमिक्स जानकारी देने का माध्यम नहीं होता है। यह विद्यार्थियों को सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से भी सजग बनाता है। पतंजलि जैसे स्वदेशी ब्रांड अपने उत्पादों के बारे में जन-जन तक जानकारी देते हैं, जिससे ‘वोकल फॉर लोकल’ के सिद्धांत को बढ़ावा मिलता है। इससे छात्रों में आत्मनिर्भर भारत की सोच का विकास होता है।

शिक्षा को बढ़ावा

पतंजलि का यह उत्पाद राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में बड़े पैमाने पर बिक रहा है। लोगों को इसका स्वाद और सेहत के मिलने वाले फायदों की वजह से जाना जाता है। पतंजलि देश के हर क्षेत्र में बदलाव की प्रेरणा बन रहा है। गुलाब शरबत की सफलता देश की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने में भी लगाई जा रही है। बता दें कि पतंजलि इस प्रोडक्ट कि बिक्री से होने वाली कमाई के पैसों को व्यापार की जगह चैरिटी और ग्रामीण क्षेत्रों तक शिक्षा पहुंचाने में लगा रही है।

सेवा ही संकल्प

कंपनी का मोटो लोगों की सेवा करना भी है। किफायती और असरदार उत्पाद, खान-पान की चीजें, सस्ती दवाओं से लेकर पतंजलि के अपने स्वास्थ्य संस्थानों के जरिए लोगों का इलाज भी कम दामों पर किया जा रहा है। गुलाब शरबत की लोगों की सेवा करने में एक और भूमिका है, जो कंपनी का संकल्प है। पतंजलि गुलाब शरबत केवल एक पेय नहीं, बल्कि एक माध्यम है देशवासियों की सेवा और स्वास्थ्य को बेहतर रखने का।

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First published on: Apr 19, 2025 01:05 PM

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