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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

‘खानपुर के असली विधायक सीएम…’, प्रणव सिंह चैंपियन और उमेश कुमार में फिर ठनी, जानें पूरा मामला

पूर्व बीजेपी विधायक प्रणव सिंह चैंपियन और खानपुर विधायक उमेश कुमार के बीच एक बार फिर विवाद शुरू हो गया है। इस बार विवाद सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र के के्रडिट लेने से जुड़ा है। चैंपियन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि खानपुर का कोई विधायक नहीं है।

Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Apr 5, 2025 20:47
Khanpur political clash Pranav Singh vs Umesh Kumar
Pranav Singh vs Umesh Kumar

उत्तराखंड में बीजेपी के पूर्व विधायक प्रणव सिंह चैंपियन और खानपुर विधायक उमेश कुमार में एक बार फिर ठन गई है। खानपुर में प्रस्तावित सिडकुल आद्योगिक क्षेत्र का श्रेय लेने की होड़ को लेकर दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर निशाना साधा है। इसकी शुरुआत चैंपियन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर की।

चैंपियन ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर कहा कि खानपुर विधायक खुद को क्षेत्र का प्रतिनिधि मानते हैं लेकिन असल में सीएम पुष्कर सिंह धामी ही खानपुर के असली विधायक हैं। उन्होंने आगे कहा कि पिछले 6 साल के कठिन संघर्ष के बाद खानपुर के सिडकुल में औद्योगिक क्षेत्र का विकसित होने जा रहा है। पूर्व विधायक ने कहा कि खानपुर के मौजूदा विधायक को जनता ने लोकसभा चुनाव में नकार दिया था।

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खानपुर का कोई विधायक नहीं

2022 के विधानसभा चुनाव में उन्हें 38 हजार वोट मिले थे लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में वे सिर्फ 16 हजार वोटों पर सिमट गए। इससे साबित होता है कि वे पूरी तरह नकार दिए गए हैं। खानपुर का कोई विधायक नहीं है, मुख्यमंत्री ही यहां के असली विधायक हैं।

पूर्व बीजेपी विधायक के आरोपों पर जवाब देते हुए खानपुर विधायक उमेश सिंह ने एक्स पर लिखा कि सिडकुल और उप जिला हाॅस्पिटल खानपुर में ही लगेगा। खानपुर का विकास कोई नहीं रोक सकता। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को योजना की वित्तीय स्वीकृति देने के लिए आभार।

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2022 से ही राजनीतिक रंजिश

बता दें कि खानपुर में चैंपियन और विधायक उमेश कुमार के बीच तनातनी 2022 विधानसभा चुनाव से शुरू हुई थी। इस चुनाव में उमेश कुमार ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की थी। वहीं चैंपियन की पत्नी देवयानी सिंह भाजपा के टिकट पर चुनाव हार गई थी। तब से दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंदिता चल रही है।

26 जनवरी 2025 के दिन दोनों नेताओं के बीच गोलीबारी हुई थी। 25 जनवरी को निकाय चुनाव नतीजों के बाद दोनों नेताओं ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी की थी। इसके बाद विधायक अपने समर्थकों के साथ चैंपियन के घर पहुंचे और हंगामा किया। इसके बाद अगले दिन चैंपियन अपने समर्थकों के साथ पहुंचे और विधायक के ऑफिस पर फायरिंग कर दी।

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Edited By

Rakesh Choudhary

First published on: Apr 05, 2025 08:47 PM

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