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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

उत्तराखंड में ऑपरेशन ‘कालनेमि’ के तहत पुलिस ने चलाया अभियान, दूसरे धर्म से जुड़े फर्जी बाबाओं पर कसा शिकंजा

Operation Kalnemi: उत्तराखंड में पुलिस ने ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत फर्जी साधुओं पर कार्रवाई शुरू कर दी है। इस ऑपरेशन के तहत हरिद्वार से लेकर देहरादून में कई संदिग्ध बाबा पकड़े गए हैं, जिनमें मुस्लिम और एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल हैं।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Jul 12, 2025 23:44
Operation Kalnemi, Arrested fake babas।
ऑपरेशन 'कालनेमि' के तहत पुलिस ने चलाया अभियान, फर्जी बाबाओं को किया गिरफ्तार।

सावन मास का पवित्र महीना शुरू हो चुका है। इसके साथ ही कांवड़ यात्रा भी शुरू हो गई है। ऐसे में कांवड़ यात्रा को शुद्ध और सुरक्षित बनाने के लिए पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने ‘ऑपरेशन कालनेमि’ शुरू किया है। उत्तराखंड के हरिद्वार में पुलिस ने ऑपरेशन ‘कालनेमि’ के तहत अभियान चलाया है। इस अभियान में कई फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया है। हरिद्वार और देहरादून पुलिस ने इस ऑपरेशन के तहत अब तक दर्जनों संदिग्धों बाबाओं को हिरासत में लिया है, इनमें 6 मुस्लिम और एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल है। वहीं, विश्व हिंदू परिषद से जुड़े यशवीर महाराज ने कांवड़ यात्रा को पवित्र रखने की मुहिम शुरू की है।

एसएसपी डोभाल ने क्या कहा?

इस मामले में एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने बताया कि ‘ऑपरेशन ‘कालनेमि’ के तहत लगातार कार्रवाई की जा रही है। अब तक 50 से ज्यादा ऐसे कालनेमि (फर्जी बाबा) गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें 7-8 ऐसे लोग भी हैं, जिसने बाबा का वेश धारण कर रखा है और दूसरे धर्मों के हैं। ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है और इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।’ उन्होंने कहा कि इनमें कुछ सपेरा और दूसरे धर्मों से जुड़े लोग शामिल हैं।

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एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल

वहीं, देहरादून पुलिस ने ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के पहले दिन 25 संदिग्धों बाबाओं को हिरासत में लिया। इनमें एक बांग्लादेशी नागरिक रूकन रकम उर्फ शाह आलम भी शामिल है, जिसके पास से बांग्लादेशी पहचान पत्र बरामद हुआ। पुलिस का कहना है कि ये संदिग्ध साधु-संतों के वेश में कांवड़ियों से ठगी और भीख मांगने की गतिविधियों में शामिल थे। इसके साथ ही हरिद्वार में भी एसएसपी अजय सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने 25 अन्य संदिग्धों को हिरासत में लिया है।

कांवड़ पट्टी का इस्तेमाल करने की अपील

हरिद्वार पुलिस ने कांवड़ियों से अपील की है कि वे हाइवे पर चलने के बजाय कांवड़ पट्टी का इस्तेमाल करें। कांवड़ पट्टी एक अलग रास्ता है, जहां केवल कांवड़िए चलते हैं और भंडारे लगाए जाते हैं। यह रास्ता सड़क हादसों से बचाने के लिए बनाया गया है। इसके अलावा, प्रशासन ने कांवड़ियों से तय सीमा से ऊंची कांवड़ न ले जाने की सलाह दी है। ऐसी कांवड़ों को छोटा किया जाएगा ताकि हाई टेंशन तारों से होने वाले दुर्घटना से बचा जा सके। बता दें कि शुक्रवार से शुरू हुई कांवड़ यात्रा में लाखों श्रद्धालु हरिद्वार पहुंच रहे हैं। हर की पैड़ी और आसपास के घाट ‘बम-बम भोले’ के जयकारों से गूंज रहे हैं।

ऑपरेशन कालनेमि क्यों दिया गया नाम?

दरअसल, कालनेमि नाम के राक्षस का जिक्र रामायण में किया गया है। कालनेमि मारीच का पुत्र था। मारीच वही राक्षस था जिसने हिरण का मायावी वेश धारण करके सीताजी को गुमराह किया था। रामायण में अनुसार, लंका युद्ध के दौरान जब मेघनाद द्वारा छोड़े गए शक्तिबाण से लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे तो उपचार के लिए हनुमानजी संजीवनी बूटी लेने हिमालय पर्वत गए थे। उस समय रावण ने हनुमान को रोकने के लिए मायावी कालनेमि को भेजा था। कालनेमि ने माया की रचना की थी और हनुमान जी का रास्ता रोका था। जब हनुमान को मायावी कालनेमि के उद्देश्य का पता चला तो उन्होंने उसकी चाल को पहचानकर उसका वध कर दिया था। उत्तराखंड में चल रहे ऑपरेशन कालनेमि को इसी कारण यह नाम दिया गया है।

First published on: Jul 12, 2025 11:43 PM

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