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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

कहीं आप तो यूज नहीं करते पतंजलि के ये आइटम,14 उत्पादों का लाइसेंस रद्द,यहां देखें पूरी लिस्ट

Patanjali Misleading Ads Case: उत्तराखंड सरकार ने पंतजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में सोमवार को कार्रवाई करते हुए पंतजलि के 14 उत्पादों के निर्माण पर रोक लगा दी। इस संबंध में सरकार ने एक आदेश जारी किया है। इसके साथ ही सरकार ने कार्रवाई को लेकर हलफनामा भी कोर्ट में दायर किया है।

Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Apr 30, 2024 07:19
Baba Ramdev Reaction on Nameplate Controversy
नेमप्लेट विवाद में अब बाबा रामदेव भी कूद गए हैं।

Uttarakhand Government cancel license of Patanjali 14 Products: पतंजलि के प्रमोटर्स और योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले सुप्रीम कोर्ट में भ्रामक विज्ञापन को लेकर अवमानना का केस और उसके बाद अब उत्तराखंड सरकार का लाइसेंसिंग अथाॅरिटी का एक्शन जिसे लेकर इन दिनों रामदेव और बालकृष्ण की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सोमवार को उत्तराखंड सरकार ने बाबा रामदेव की पंतजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी के लगभग 14 उत्पादों के लाइसेंस रद्द कर दिये। यह जानकारी सोमवार शाम को उत्तराखंड सरकार ने हलफनामा दायर करके दी।

उत्तराखंड सरकार ने सोमवार को इस संबंध में बैन का आदेश भी जारी किया है। बता दें कि दिव्य फार्मेसी पंतजलि के उत्पादों का निर्माण करती है। प्रदेश की लाइसेंस अथाॅरिटी ने बाबा की ब्लड प्रेशर, लिवर, गोइटर, शुगर, ब्लड प्रेशर के लिए इस्तेमाल की जाने वाली 14 दवाओं के उत्पादन को रोकने का निर्देश दिया है। आदेश जिले के सभी ड्रग इंस्पेक्टर को भी भेजा गया है। बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य की लाइसेंसिंग अथाॅरिटी और आयुष मंत्रालय से जवाब मांगा था।

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इन उत्पादों पर हुआ एक्शन

उत्राखंड सरकार की लाइसेंसिंग अथाॅरिटी ने श्वासारि गोल्ड, श्वासारि वटी, श्वासारि प्रवाही, श्वासारि अवलेह, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, मधुग्रिट, बीपी ग्रिट, दृष्टि आई ड्राॅप, आईग्रिट गोल्ड, लिवामृत एडवांस, मधुनाशिनी वटी जैसे उत्पाद शामिल है।

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कुछ उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए रामदेव की आलोचना भी की है। सुप्रीम कोर्ट में आज पंतजलि मामले की सुनवाई होनी है। आज कोर्ट तय करेगा कि रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ अवमानना का आरोप लगाया जाए या नहीं। इस मामले की पिछली सुनवाई 23 अप्रैल को हुई थी।

माफीनामे की साइज को लेकर उठाए सवाल

पिछली सुनवाई के दौरान अखबारों में छपे माफीनामे की साइज को लेकर कोर्ट ने सवाल उठाए थे। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि आपके विज्ञापन के आकार के ही माफीनामे होने चाहिए। क्या ऐड का साइज भी वही था जो आज माफीनामे का है। कोर्ट ने कहा कि हम माफीनामे के विज्ञापनों की वास्तविक साइज देखना चाहते हैं, ये हमारा निर्देश है।

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First published on: Apr 30, 2024 07:09 AM

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