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Earthquake in Joshimath: भूकंप के बाद जोशीमठ में और चौड़ी हुई दरारें! आपदा सचिव ने जारी किया ये बयान

Earthquake in Joshimath: भूकंप के झटकों ने मंगलवार दोपहर दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) को हिला दिया, लेकिन लोगों की जान तो तब अटक गई, जब उत्तराखंड का जोशीमठ (Earthquake in Joshimath) भी कांप उठा। मकानों और इमारतों के दरकने के कारण यहां लोग पहले से ही दहशत में हैं। शाम को उत्तराखंड के अधिकारियों ने ताजा हालातों […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Jan 25, 2023 12:02
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Earthquake in Joshimath

Earthquake in Joshimath: भूकंप के झटकों ने मंगलवार दोपहर दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) को हिला दिया, लेकिन लोगों की जान तो तब अटक गई, जब उत्तराखंड का जोशीमठ (Earthquake in Joshimath) भी कांप उठा। मकानों और इमारतों के दरकने के कारण यहां लोग पहले से ही दहशत में हैं। शाम को उत्तराखंड के अधिकारियों ने ताजा हालातों की जानकारी दी।

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भूकंप के बाद जोशीमठ में जुटी कई टीमें

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में आज भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि इनकी तीव्रता काफी कम थी। घटना के बाद पूरे इलाके का निरीक्षण किया गया है। कोई भवन क्षतिग्रस्त नहीं हुआ। सर्वेक्षण दल लगातार स्थिति का आकलन कर रहा है। हमें देखना होगा कि आज के भूकंप ने इमारतों में दरारों को और ज्यादा बढ़ाया तो नहीं हैं।

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प्री-मेड होम मुहैया कराने की तैयारी

आपदा सचिव ने बताया कि लोगों के पुनर्वास के लिए प्री-फैब्रिकेटेड घरों के मॉडल को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। कई निजी कंपनियों ने पूर्व-निर्मित घरों को बनाने में रुचि दिखाई है। सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि जल्द ही इस परियोजना पर काम किया जाएगा।

बारिश और बर्फबारी से हो रही दिक्कत

उन्होंने बताया कि हाल ही में हुई बारिश और बर्फबारी के कारण जोशीमठ में पानी का बहाव बढ़ गया है, लेकिन चिंता करने की कोई बात नहीं है। बीआरओ ने कहा है कि एमओआरटीएच की एक टीम ने साइट का दौरा किया है ताकि निरीक्षण किया जा सके कि बाईपास सड़क पर काम शुरू किया जा सकता है या नहीं।

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पुनर्वास को लेकर सामने आए दो विकल्प

एएनआई के मुताबिक चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने बताया कि प्रशासन की ओर से प्रभावित परिवारों के स्थायी पुनर्वास के कई विकल्पों की तलाश की जा रही है। एक विकल्प यह है कि लोगों को पैसा और आजादी दी जाए कि वे जहां चाहें बस जाएं। दूसरा विकल्प उनके लिए जमीन उपलब्ध कराई जाए।

फिलहाल इस जगह को किया चिह्नित

उन्होंने बताया कि केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (CBRI) जोशीमठ में विस्थापित परिवारों के लिए बागवानी विभाग, हर्बल अनुसंधान एवं विकास संस्थान (HDRI) के पास स्थित भूमि पर एक, दो और तीन बीएचके मॉडल पूर्व-निर्मित घरों का निर्माण कर रहा है।

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Written By

Naresh Chaudhary

Edited By

Manish Shukla

First published on: Jan 24, 2023 07:09 PM
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