Uttarakhand Chamoli Avalanche News Updates: उत्तराखंड के माणा में ग्लेशियर टूटने से भारी हिमस्खलन हुआ है। जिससे बीआरओ के कैंप को काफी नुकसान पहुंचा है। बीआरओ कैंप में करीब 57 मजदूरों मौजूद थे। आईटीबीपी, सेना, जिला प्रशासन, वायुसेना और अन्य एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। इसी बीच खबर आ रही है कि भारी बर्फबारी के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन को फिलहाल रोक दिया गया है। कल यानी शनिवार को फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जाएगा। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी कल चमोली पहुंचेंगे और रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लेंगे।
सीएम ने राहत-बचाव कार्यों की समीक्षा की
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जिले के माणा गांव के पास हुए हिमस्खलन की जानकारी लेते हुए राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र, आईटी पार्क देहरादून पहुंचकर अधिकारियों के साथ बैठक की और रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को घटनास्थल पर त्वरित पहुंच सुनिश्चित करने को कहा और पास के हेलीपैड को शीघ्र सक्रिय करने के निर्देश दिए ताकी राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाई जा सके। उन्होंने ड्रोन एवं हेलीकॉप्टर की मदद से निगरानी और रेस्क्यू अभियान को और प्रभावी बनाने पर भी जोर दिया।
जरूरत पड़ने पर एयर एंबुलेंस इस्तेमाल के निर्देश
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि जरूरत पड़ने पर घायलों को एयर एंबुलेंस के माध्यम से एम्स ऋषिकेश ले जाया जाए। साथ ही जिला प्रशासन से निरंतर समन्वय बनाए रखने और प्रभावितों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के भी निर्देश दिए।
प्रभावितों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
सीएम धामी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि आईटीबीपी, सेना, जिला प्रशासन, वायुसेना और अन्य एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। खराब मौसम और कम विजिबिलिटी के कारण हेलीकॉप्टर का संचालन फिलहाल संभव नहीं है। लेकिन, स्नो एक्सपर्ट्स की सेवाएं ली जा रही हैं। आईटीबीपी की विशेष टीमें लगातार काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 32 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जबकि शेष 25 लोगों को बचाने का अभियान जारी है। उन्होंने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हिमस्खलन में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना है। प्रभावित लोगों के परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।
राज्य और केंद्र सरकार में समन्वय
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार लगातार केंद्र सरकार से संपर्क में है और प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री से भी बातचीत हो रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि रेस्क्यू अभियान में यदि किसी अतिरिक्त एजेंसी की आवश्यकता होगी तो उनकी मदद तुरंत ली जाएगी। उन्होंने बताया कि अब तक 10 लोगों को आईटीबीपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लगातार बर्फबारी के कारण मार्ग अवरुद्ध हो रहे हैं, लेकिन मौसम में सुधार के साथ रेस्क्यू के काम को और तेज किया जाएगा। सभी राहत दलों के बीच समन्वय सुनिश्चित किया गया है और माणा हेलीपैड को भी सक्रिय किया जा रहा है। एम्स ऋषिकेश, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज और गोपेश्वर जिला अस्पताल को भी तैयार रखा गया है।
सीएम ने जिलाधिकारी से ली जानकारी
वहीं, सीएम धामी ने वर्चुअल माध्यम से चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी से घटना की विस्तृत जानकारी ली। जिलाधिकारी ने बताया कि हिमस्खलन बद्रीनाथ धाम से 6 किलोमीटर आगे हुआ है, जहां सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अंतर्गत बर्फ हटाने वाले मजदूर मौजूद थे। जिलाधिकारी ने बताया कि हिमस्खलन की जानकारी मिलते ही तुरंत आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्यों में जुट गईं।
सीएम ने किया आश्वस्त
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर प्रभावित व्यक्ति की सुरक्षा और सहायता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सभी एजेंसियां युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों में लगी हुई हैं और जल्द ही सभी फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।