UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजनीति (UP Politics) में एक बार फिर से हलचल देखने को मिल रही है। इस बार मामला समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और सपा की पूर्व सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bhartiya Samaj Party) के बीच है।
लखनऊ में सपा कार्यालय के बाहर एक होर्डिंग लगाया गया है। इस पर लिखा है कि ओम प्रकाश राजभर का कार्यालय में प्रवेश प्रतिबंधित है। इसके बाद सुभासपा की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है।
सुभासपा की ओर से आई ये प्रतिक्रिया
सपा के लखनऊ मुख्यालय पर लगे पोस्टर पर सुभासपा के मुख्य प्रवक्ता अरुण राजभर ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ओपी राजभर के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा वाला होर्डिंग लगाना सपा नेतृत्व की हताशा को दिखाता है। वे जानते हैं कि राजभर के सपा से अलग होने के बाद ओबीसी, अति पिछड़ी जाति, दलित और मुसलमान सपा से दूर जा रहे हैं।
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Uttar Pradesh | A poster claiming no entry of SBSP national president Om Prakash Rajbhar was put out outside the Samajwadi Party Office in Lucknow pic.twitter.com/Kg6YbPXbCx
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 28, 2022
समाजवादी पार्टी पर लगाए गंभीर आरोप
अरुण राजभर ने कहा कि समाजवादी पार्टी अति पिछड़ी जातियों को पार्टी संगठन में प्रतिनिधित्व नहीं देना चाहती है। सपा ने चार बार सरकार बनाई, लेकिन हाशिए के समुदायों की हमेशा उपेक्षा की। सपा नेता जब सत्ता में थे तो जमीन हड़पने के लिए होर्डिंग लगाते थे और अब ओबीसी नेताओं का अपमान करने के लिए होर्डिंग लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता उन्हें सबक सिखाएगी।
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2022 विधानसभा चुनाव के बाद अलग हुए
बता दें कि वर्ष 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में गठबंधन की हार के बाद सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने जुलाई में सपा प्रमुख अखिलेश यादव से नाता तोड़ लिया था। सपा से अलग होने के बाद ओम प्रकाश राजभर विभिन्न मुद्दों पर अखिलेश यादव पर हमला भी करते रहे हैं।
सुभासपा नेताओं ने भी बनाईं अलग पार्टियां
जानकारी के मुताबिक सितंबर में जब सुभासपा ने पूरे उत्तर प्रदेश में सावधान यात्रा शुरू की थी। इसमें सुभासपा नेता महेंद्र राजभर और शशि प्रताप सिंह ने पार्टी प्रमुख ओपी राजभर के खिलाफ बगावत कर दी। महेंद्र राजभर ने जहां सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी लॉन्च की, तो वहीं शशि प्रताप सिंह ने राष्ट्रीय समता पार्टी लॉन्च की। ओपी राजभर ने सुभासपा में फूट के लिए सपा नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया।
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