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जज की पत्नी ने कार्ड लिमिट बढ़वाने के लिए कस्टमर केयर पर किया कॉल! साइबर ठगों ने खाली कर दिया बैंक खाता

UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) से एक हैराम कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक जज की पत्नी से साइबर ठगों (Cyber Fraud) ने 13 लाख रुपये की ठगी कर ली है। वह अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने की कोशिश कर रही थी। शिकायत में उन्होंने पुलिस […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Nov 30, 2022 12:54
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Cyber fraud
Cyber fraud

UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) से एक हैराम कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक जज की पत्नी से साइबर ठगों (Cyber Fraud) ने 13 लाख रुपये की ठगी कर ली है। वह अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने की कोशिश कर रही थी। शिकायत में उन्होंने पुलिस को बताया कि इंटरनेट पर अपने निजी बैंक के हेल्पलाइन नंबर की खोज करके कॉल की थी।

लखनऊ के साइबर सेल इंस्पेक्टर रणजीत सिंह ने बताया कि प्रथम प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि जालसाजों ने पीड़िता के फोन का रिमोट-कंट्रोल एक्सेस कर लिया, जिससे उसके खाते का विवरण उसे मिल गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। जालसाजों को पकड़ने के लिए पुलिस लगी हुई है।

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ठग ने खुद को बैंक कर्मी बताया

ठगी का शिकार हुई जज की पत्नी ने बताया कि जब उसने नंबर डायल किया, तो बैंक प्रतिनिधि के रूप में खुद को पेश करते हुए जालसाज ने क्रेडिट सीमा बढ़ाने के लिए 15,000 रुपये एक बैंक खाते में ट्रांसफर करने को कहा। शातिर ने आश्वासन दिया कि यह रकम 25 नवंबर को वापस कर दी जाएगी।

शिकायतकर्ता ने दावा किया कि जब उसे रिफंड नहीं मिला तो उसने फिर से उसी नंबर पर कॉल किया। जालसाज ने उन्हें एक मैसेज लिंक भेजा और एक फॉर्म भरने को कहा। इसमें उनके बैंक खाते का विवरण मांगा गया था। उन्होंने कहा कि 28 नवंबर को मेरे बैंक खाते से 13 लाख रुपये निकल गए।

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गूगल से निकाला था कस्टमर केयर नंबर

लखनऊ साइबर सेल पुलिस के मुताबिक जालसाज गूगल पर कस्टमर केयर हेल्पलाइन नंबर बताकर अपना नंबर डाल रहे थे। वे कॉल करने वालों से एक ऐप डाउनलोड करने के लिए कहते हैं। इसके बाद पीड़ित के फोन का पूरी तरह से एक्सेस ले लेते हैं। उन्हें पीड़ित के बैंक खाते विवरण और ओटीपी आसानी से मिल जाता है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि किसी भी परिस्थिति में फोन या ई-मेल पर अनजान के साथ कार्ड नंबर, एटीएम सीवीवी, एटीएम पिन, बैंकिंग पासवर्ड और वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) जैसे बैंकिंग विवरण बिल्कुल भी न बताएं। बता दें कि बैंकों की ओर से भी कहा जाता है कि कोई भी बैंक या प्रतिष्ठित कंपनी अपने ग्राहकों से फोन या ईमेल पर गोपनीय विवरण नहीं मांगती है।

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Edited By

Naresh Chaudhary

First published on: Nov 30, 2022 12:54 PM
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