UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) जिले में चार लोगों की जान लेने वाली मादा तेंदुआ (Leopard) आखिरकार पंजरे में कैद हो गई। प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को पिंजरे में फंसी मादा तेंदुआ को आजीवन कानपुर चिड़ियाघर में रखा गया है। अब वो जीवनभर यहीं रहेगी। बता दें कि पिछले करीब दो माह से इस मादा तेंदुए ने इलाके में दहशत फैल रखी थी। सैकड़ों लोगों पर हमला किया था।
गोला गोकर्णनाथ में तीन महीने से था आतंक
जानकारी के मुताबिक लखीमपुर खीरी के गोला गोकर्णनाथ इलाके में इसी साल 23 अगस्त से 20 अक्टूबर तक एक मादा तेंदुआ ने अपना आतंक फैलाए रखा। आबादी क्षेत्र के नजदीक होने के कारण इसने सैकड़ों लोगों पर हमला किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस आदमखोर ने अब तक पांच लोगों की जान ले ली है। इसे पकड़ने के लिए वन विभाग और प्रशासन के करीब 25 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए थे।
जमुनाबाद फार्म में लगाए पिंजरे में फंसी
वहीं जंगलों में और आबादी के पास वाले इलाकों में पिंजरे लगाए गए थे। अब वन विभाग की ओर से दावा किया गया है कि इलाके के जमुनाबाद फार्म में भी एक पिंजरा लगाया गया था। बताया गया है कि यहीं पर मादा तेंदुआ ने अपना घर बना लिया था। सोमवार को मादा तेंदुआ इस पिंजरे में फंस गई। इसकी उम्र 8 साल है।
घायल है मादा तेंदुआ, कराया जाएगा इलाज
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खीरी के डीएफओ संजय बिस्वाल ने बताया कि तेंदुए शरीर से काफी मजबूत होते हैं। पकड़ी गई मादा तेंदुआ को चोटें भी आई हैं। इसलिए इसे जंगल में छोड़ने के बजाय चिड़ियाघर में रखने का फैसला लिया गया है। ताकि वहां उसका इलाज भी किया जा सके। गुरुवार को इसे कानपुर के चिड़ियाघर में भेजा गया है।
इन तारीखों में लोगों का मार डाला
डीएफओ ने बताया कि विभाग की ओर से इसे पकड़ने के लिए छह स्थानों पर पिंजरे रखे गए थे। इसके अलावा 25 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए थे। तीन माह तक कई बार मादा तेंदुआ को कैमरों में देखा गया था, लेकिन वह पकड़ में नहीं आ रही थी। अधिकारी के मुताबिक इस मादा तेंदुआ ने पहली हत्या 23 अगस्त की थी। इसके बाद 4, 18 और 20 अक्टूबर तीन और लोगों को मार डाला।