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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

एक कुर्सी, दो दावेदार, कानपुर का CMO कार्यालय बना अखाड़ा, योगी सरकार ने दिए जांच के आदेश

Kanpur CMO Clash: कानपुर में IAS और CMO के बीच का विवाद थमता नहीं दिख रहा है। कुछ हफ्ते पहले CMO डॉ. हरिदत्त नेमी को जिलाधिकारी से हुई नोकझोंक के बाद सरकार ने सस्पेंड कर दिया था। इसके खिलाफ डॉ. नेमी हाईकोर्ट गए और कोर्ट के आदेश के बाद वो फिर से CMO दफ्तर पहुंच गए। उधर मौजूदा CMO डॉ. उदयनाथ भी दफ्तर पहुंच गए और उन्होंने अपनी कुर्सी बगल में लगवाई और वहीं बैठ गए। पढ़िए मानस श्रीवास्तव की पूरी रिपोर्ट।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Jul 10, 2025 21:38
Two CMO Clash in Kanpur,
कानपुर में एक कुर्सी के लिए भिड़े दो सीएमओ, डॉ. उदयानाथ और डॉ. हरिदत्त नेमी।

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले का सीएमओ कार्यालय एक बार फिर से सुर्खियों में है। निलंबित किए गए सीएमओ कोर्ट के आदेश से फिर से कुर्सी पर बैठ गए तो सरकार की तरफ से नियुक्त किए गए सीएमओ कुर्सी से हटने को तैयार नहीं। ऐसे में कानपुर में सीएमओ कार्यालय फिर से अखाड़ा बन गया है। हालात ये हो गई है कि एक कुर्सी पर दो मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपना-अपना दावा ठोक रहे थे। जिलाधिकारी से हुए विवाद के बाद तत्कालीन निलंबित सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी हाई कोर्ट का स्टे लेकर सीएमओ को कुर्सी पर काबिज हो गए। वहीं, वर्तमान सीएमओ भी कुर्सी पर दावा करने लगे, जिसकी वजह से पुलिस को बुलानी पड़ी। इस विवाद के बीच शासन ने पत्र जारी कर निलंबित सीएमओ के अधिकार रद्द कर दिए हैं।

विवाद इतना बढ़ गया कि बुलानी पड़ी पुलिस

इस विवाद के बाद शासन ने पत्र जारी करते हुए स्पष्ट कहा है कि तत्कालीन निलंबित सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी से किसी भी दस्तावेजों में हस्ताक्षर नहीं कराए जाएं। शासन की तरफ से डॉ. उदयनाथ को कानपुर का मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) नामित किया गया है। इस बीच विवाद इतना बढ़ गया कि सीएमओ कार्यालय पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को पहुंचना पड़ा। हालांकी, अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। सीएमओ कार्यालय पर पुलिस बल को तैनात किया गया है। सारा काम बाधित हो रहा है और पुलिस के साथ प्रशासनिक अधिकारी भी मामले को सुलझाने में जुटे हैं।

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एक ही कमरे में दो कुर्सियों पर दो सीएमओ

दरअसल, कानपुर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह से विवाद के बाद निलंबित डॉ. हरिदत्त नेमी को हाई कोर्ट से स्टे मिलने के बाद खुद को बहाल मानकर सीएमओ की कुर्सी कब्जा लिया। कुछ देर बाद वर्तमान सीएमओ डॉ उदयनाथ पहुंचे तो कार्यालय का नजारा देखकर हैरान रह गए। उनको कुछ समझ में नहीं आया तो फरियादियों के लिए पड़ी कुर्सी उठाकर डॉ. हरिदत्त के बगल में बैठ गए। विवाद की स्थिति देखकर एसीपी आशुतोष कुमार और एसीएम सेकेंड ऋतु प्रिया भी मौके पर पहुंच गईं। डॉ. हरिदत्त नेमी ने दावा किया कि उनके पास कोर्ट का आदेश है।

जिलाधिकारी से विवाद के बाद निलंबित हुए थे डॉ. हरिदत्त नेमि

डॉ. हरिदत्त नेमी ने 14 दिसंबर 2024 को सीएमओ का कार्यभार संभाला था। इसके बाद जितेंद्र प्रताप सिंह 18 जनवरी 2025 को डीएम बने थे। डीएम ने अस्पतालों का निरीक्षण किया तो कई खामियां मिलीं। उन्होंने सीएमओ से कार्रवाई करने को कहा तो उन्होंने टाल दिया था। इसे आधार बनाकर डीएम ने शासन को पत्र भेज दिया था। इसके बाद हरिदत्त नेमि का ऑडियो वायरल हुआ जिसमें वो जिलाधिकारी को अपशब्द कर रहे थे।

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कानपुर में दो खेमो में बंट गयी थी बीजेपी

इस मामले में सबसे बड़ी बात यह थी कि कानपुर में भारतीय जनता पार्टी का संगठन और सरकार ही दो हिस्सों में बंट गई थी। डॉ. हरिदत्त नेमी के समर्थन में जहां बीजेपी के विधायक सुरेंद्र नैथानी और कानपुर से ही आने वाले विधायक और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के साथ एमएलसी अरुण पाठक थे तो वहीं अभिजीत सिंह सांगा और कुछ अन्य विधायक डॉक्टर हरीदत्त नेमी का विरोध कर रहे थे। इसके बाद पूरा प्रकरण मुख्यमंत्री कार्यालय गया और उसके बाद डॉक्टर हरिदत्त नेमि को निलंबित कर दिया गया था।

सरकार ने दिए निलंबित सीएमओ के जांच के आदेश

शाम होते होते सरकार की तरफ से इस मामले में निलंबित सीएमओ डॉक्टर हरिदत्त के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन पर गलत तरीके और मनमाने ढंग से काम करने का आरोप है। इसके अलावा अनुशासन का पालन न करने और कर्तव्यों का निर्वहन न करने के आरोप भी हैं। जांच रिपोर्ट एक महीने में पेश की जाएगी।

First published on: Jul 10, 2025 09:11 PM

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