कानपुर (प्रांजुल मिश्रा): उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने में लगी है, लेकिन कानपुर देहात में सरकारी स्कूलों की हालत बदहाल है। यहां पढ़ने वाला देश का भविष्य जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन के किनारे बैठकर पढ़ने के लिए मजबूर है। ट्रैक पर लगातार ट्रेनें दौड़ती हैं। लोगों को आशंका है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। छोटे-छोटे बच्चों को भी नहीं पता कि उनके साथ शिक्षा के नाम पर कैसा मजाक किया जा रहा है ।
बारिश के दिनों में भर जाता है पानी
शिक्षा के प्रति जनपद के अधिकारी-जनप्रतिनिधि कितने सजग और जिम्मेदार है, इसकी बानगी कानपुर देहात में देखने को मिली है। दरअसल भोगनीपुर तहसील के पुखरायां स्थित मीरपुर के प्राथमिक और जूनियर विद्यालय का हाल-बेहाल है। जहां हर साल बारिश दे दिनों में पानी भर जाता है। एक ओर विद्यालय में पानी भरने से इसकी इमारत जर्जर हो गई है तो दूसरी ओर जमीन धंसने लगी है। विद्यालय धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो रहा है। अब विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को रेलवे लाइन के किनारे बैठाकर शिक्षा दिलाई जा रही है। जहां बच्चों की जान को बड़ा खतरा है।
यहां के विधायक प्रदेश सरकार में हैं मंत्री
रेलवे ट्रैक पर लगातार ट्रेनें गुजरती हैं, जिसके कारण शिक्षण कार्य भी बार-बार प्रभावित होता है। बता दें कि भोगनीपुर से राकेश सचान विधायक हैं और प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। बावजूद इसके यहां किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। यहां की तश्वीरें सरकार के दावों पर सवाल खड़ा कर रही हैं। जिलाधिकारी और बीएसए की ओर से जिले के स्कूलों में समय-समय पर निरीक्षण किए जाने की खबरें भी सामने आती रहती है, लेकिन इस विद्यालय पर अबी तक किसी की नजर नहीं गई है। प्रतीत होता है कि जनपद के अधिकारी और जनप्रतिनिधि उदासीन बने हुए हैं।
बच्चों की जान को है भारी खतरा
वही ग्रामीणों ने विद्यालय के बारे में बताया कि बारिश होने से हर साल यहां पानी भर जाता है। बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है। इसके बाद भी जिले के अधिकारियों द्वारा विद्यालय पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों को रेलवे लाइन के किनारे बैठाकर पढ़ाया जा रहा है। हर समय हादसे का खतरा बना रहता है। कभी भी कोई अप्रिय घटना हो सकती है।
बच्चों को दूसरे स्कूल में शिफ्ट कराएंगेः बीएसए
बेसिक शिक्षा अधिकारी कानपुर देहात रिद्धि पांडेय ने बताया कि विद्यालय में पानी की समस्या को लेकर संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया गया है। विद्यालय के शिक्षकों या प्रधानाचार्य की ओर से उन्हें अभी इस मामले की सूचना नहीं दी गई है कि बच्चों को रेलवे लाइन के किनारे बैठाकर पढ़ाया जा रहा है। यदि ऐसा है तो वह इसकी जांच कराएंगी। मामला सही पाए जाने पर बच्चों को किसी दूसरे स्कूल या फिर पंचायत घर में शिफ्ट कराया जाएगा।