(शाहनवाज़ चौधरी, बुलंदशहर)
उत्तर प्रदेश के जनपद बुलंदशहर में रिश्वतखोरी का एक मामला सामने आया है, जिसका एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में ट्रैफिक दरोगा नरेंद्र कुमार और ट्रैफिक सिपाही एक ई-रिक्शा चालक से सौदेबाजी करता दिख रहे हैं। इसी दौरान ट्रैफिक दरोगा रिश्वत की रकम लेता कैमरे में कैद हो गया। रिश्वतकांड का वीडियो सामने आने के बाद आला पुलिस अफसरों ने जांच का आदेश दिया है।
रिश्वत लेते वीडियो वायरल
वायरल वीडियो बुलंदशहर काला आम चौराहे का है। जहां वीडियो में एक ट्रैफिक दरोगा (नरेंद्र कुमार), ट्रैफिक सिपाही और ई-रिक्शा चालक दिख रहे हैं। वीडियो में ट्रैफिक पुलिस का सिपाही एक शख्स से ये कह रहा है कि पूछ उससे (ई-रिक्शा चालक) कितने रुपये ले रहा है, वह शख्स ई- रिक्शा चालक के पास पहुंचता है और चालक से पूछता है कितने रुपये हैं। ई-रिक्शा चालक कहता है 550 रुपये हैं। शख्स बोलता है 300 रुपये देना। 10-20 के नोट देना और कहना अभी ई-रिक्शा का किराया भी देना है। शख्स रिश्वतखोरों के बारे में भी गलत भाषा का इस्तेमाल करता है।
इसके बाद ई-रिक्शा चालक 10,20 और 50 के नोटों को लपेटकर रिश्वतखोर ट्रैफिक दरोगा को दे देता है। दरोगा रिश्वत की रकम वसूलकर, चालक को गाली देकर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की हिदायत देता है। रिश्वतकांड का वीडियो पास ही खड़े एक शख्स ने अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। रिश्वत देकर रिक्शा चालक अपना रिक्शा लेकर आगे बढ़ गया।
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किराए पर था रिक्शा, पूरे दिन की थी कमाई
वायरल वीडियो में जिस प्रकार शख्स और ई-रिक्शा ड्राइवर किराए की बात कर रहे हैं, उससे ऐसा महसूस होता है कि ई-रिक्शा भी पीड़ित चालक का नहीं है। वह हर रोज किराए पर ई-रिक्शा लाता होगा। ट्रैफिक पुलिस को ई-रिक्शा चालक पर रहम नहीं आया और उससे उसकी पूरे दिन की कमाई अवैध रूप से वसूल ली।
उत्तर प्रदेश के जनपद बुलंदशहर में रिश्वतखोरी का एक मामला सामने आया है, जिसका एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में ट्रैफिक दरोगा और ट्रैफिक सिपाही एक ई-रिक्शा चालक से सौदेबाजी करता दिख रहे हैं। वीडियो क्रेडिट@Shahnawazreport pic.twitter.com/cmbafnPgHx
— Shabnaz Khanam (@ShabnazKhanam) April 20, 2025
दरोगा और सिपाही सस्पेंड
ताजा जानकारी के मुताबिक, रिश्वतखोर दरोगा और सिपाही के मामले में न्यूज24 की खबर का असर देखने को मिला है। रिश्वत लेने वाले दरोगा और सिपाही को सस्पेंड कर दिया गया है। SSP ने रिश्वतखोर दरोगा सुरेंद्र कुमार और सिपाही बिक्रम राठी को लाइन हाजिर किया गया है। आपको बता दें कि ई-रिक्शा चालक पर ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, जिसके चलते उससे रिश्वत ली गई थी।
यही आत्मा का मर जाना होता है
रिक्शा चालक, मजदूर, रेहड़ी पटरी वालों को प्रोफेशन के हिसाब से लोग दया के नजरिए से देखते हैं। आम आदमी की यही प्रयास रहता है कि गरीब परेशान और मेहनतकश लोगों को परेशानी न दी जाए, लेकिन पुलिस का नजरिया अलग है। रिश्वतखोरी का वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर कुछ इसी तरह की चर्चा है। लोग बोल रहे हैं यही है आत्मा का मर जाना।
ई-रिक्शा चालक की तलाश में ट्रैफिककर्मी
रिश्वतखोरी का वीडियो वायरल होने के बाद ट्रैफिक पुलिस का सिपाही और दरोगा ई-रिक्शा चालक की तलाश में जुट गए। ताकि रिश्वतखोरी के इस कांड को दूसरा रूप दिया जा सके। लेकिन वीडियो में साफ दिख रहा है कि यह मामला शुद्ध रूप से रिश्वतखोरी का ही है।
ये है पूरी घटना
ट्रैफिक पुलिस ने काला आम चौराहे पर ई-रिक्शा चालक को रोका। चालक से ड्राइविंग लाइसेंस मांगा। चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था तो ट्रैफिक पुलिस ने ई-रिक्शा को साइड में खड़ा करवा लिया। नियम के मुताबिक ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने पर ई-रिक्शा का चालान करना चाहिए था लेकिन पुलिस ने दूसरा रास्ता चुना। ट्रैफिक पुलिस ने ई-रिक्शा चालक को रिलीफ देने के लिए अवैध वसूली की, जो सरासर गलत है।
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