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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

‘पापा ने कहा, पत्थर फेंको, देख लेंगे’; आगरा में सपा सांसद के बेटे और 200 समर्थकों पर FIR

समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए पथराव पर ताजा अपडेट आया है। मामले में पुलिस ने सांसद के बेटे और समर्थकों पर कार्रवाई की है। आइए जानते हैं कि आखिर मामला क्या है?

Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Mar 29, 2025 10:16
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राणा सांगा पर दिए बयान से सुर्खियों में आए समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन की मुश्किलें बढ़ रही हैं। उनके बेटे रणजीत सुमन और उनके 200 समर्थकों के खिलाफ तहरीर हुई है। अछनेरा के गांव सांथा के रहने वाले दीपक सिसोदिया ने तहरीर दी है। क्योंकि सांसद के घर के बाहर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर उनकी पार्टी और उनके समर्थकों ने छतों पर चढ़कर पत्थर फेंके थे।

इस दौरान सांसद के बेटे रणजीत सुमन भी उनके साथ थे और उन्होंने वर्करों से कहा था कि पापा ने बोला है, पथराव करो सब देख लेंगे। शिकायतकर्ता ने अपना मेडिकल कराने की मांग की और सांसद के बेटे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। थाना हरी पर्वत के प्रभारी IPS अक्षय मामले की जांच कर रहे हैं। शिकायत में पूरे मामले की डिटेल देते हुए कहा गया है कि जानबूझ कर पथराव कराया गया।

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बुधवार को करणी सेना ने किया था प्रदर्शन

बता दें कि राणा सांगा पर दिए गए बयान को लेकर करणी सेना ने सांसद सुमन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। रामजीलाल सुमन उत्तर प्रदेश के आगरा से समाजवादी पार्टी के सांसद हैं। बुधवार को करणी सेना के गुस्साए सदस्यों ने रामजीलाल सुमन के आवास के बाहर धरना दिया। वे  बुलडोजर लेकर आए थे। वहीं दक्षिणपंथी संगठन की स्टेट यूनिट ने भी रामजीलाल सुमन का मुंह काला करने और उन्हें जूते से मारने वाले को 5 लाख इनाम देने का ऐलान किया था। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी की स्टेट यूनिट ने प्रदर्शनकारियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने पार्टी के बैनर और पोस्टर डैमेज किए। उन्होंने भोपाल के तुलसी नगर इलाके में बने पार्टी ऑफिस में तोड़-फोड़ की। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुतला भी जलाया।

करणी सेना पर हमला करने का आरोप

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता यश भारतीय ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि प्रदर्शनकारियों ने शाम करीब 7.15 बजे हमला किया। सत्तारूढ़ भाजपा की ओर से यह हमला कराया गया था और इस दौरान हुए बवाल के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। पुलिस प्रदर्शनकारियों से पहले सांसद के घर और पार्टी ऑफिस पहुंच गई थी, इसका मतलब यह है कि पुलिस को धरने के बारे में पहले से पता था।

पुलिस को पहले से पता था कि धरने के दौरान हंगामा होगा। वहीं प्रदर्शनकारियों ने रामजीलाल सुमन पर पथराव कराने का आरोप लगाया और पुलिस को शिकायत दी कि प्रदर्शनकारियों ने नहीं, बल्कि समाजवादी पार्टी के वर्करों ने उन पर पथराव किया था। बता दें कि 21 मार्च को राज्यसभा में बोलते हुए रामजीलाल सुमन ने मेवाड़ के शासक राणा सांगा को ‘देशद्रोही’ कहा था और हिंदुओं को उनका वंशज बताया था।

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Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Mar 29, 2025 09:59 AM

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