गोरखपुर से अजीत सिंह की रिपोर्टः दुनिया के सबसे लंबे प्लेटफार्म के लिए लिम्का बुक आफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके अंग्रेजों के जमाने के गोरखपुर रेलवे स्टेशन का कायाकल्प होगा। 612 करोड़ रुपए खर्च कर इसका नया भवन बनाया जाएगा। इसे तैयार होने में ढाई साल का समय लगेगा।
गोरखपुर रेलवे स्टेशन को इस तरह से डेवलप करने का प्लान तैयार किया गया है, जिससे यहां आने वाले यात्रियों और पर्यटकों को इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आने का अहसास होगा।
गोरखपुर पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक चन्द्रवीर रमण ने बताया कि गोरखपुर रेलवे स्टेशन को डेवलप करने के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, इसमें छह माह का समय लगेगा। इस मॉडल को तैयार कर लिया गया है, उन्होंने बताया कि नए भवन को बनने में दो साल का समय लगेगा।
इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तर्ज पर किया जाएगा विकसित
यानी ढाई साल के भीतर इसे तैयार करने का लक्ष्य लेकर वे लोग चल रहे हैं, उन्होंने बताया कि इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तर्ज पर इसे डेवलप किया जाएगा। यहां आने वाले यात्रियों और पर्यटकों को गोरखपुर की संस्कृति की झलक दिखाई देगी, उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके मॉडल को देखकर तारीफ की है, उन्होंने आश्वस्त किया है कि राज्य सरकार से हर तरह का सहयोग मिलेगा।
कनेक्टिविटी का रखा जाएगा ध्यान
महाप्रबंधक चन्द्रवीर रमण ने बताया कि यहां रूफ प्लाजा, फूड कोर्ट, कामर्शियल काम्प्लेक्स, बच्चों के खेलने के लिए पार्क के साथ अगले 50 सालों के प्लान के मुताबिक कनेक्टिविटी का भी खास ध्यान रखा जाएगा। प्रस्तावित गोरखपुर मेट्रो और बस स्टेशन के साथ कनेक्ट करने के साथ तीन लेन की सड़क यात्रियों को प्लेटफार्म तक पहुंचने की सुविधा भी देगी।
गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर बच्चों के खेलने के लिए पार्क भी होगा, गोरखपुर रेलवे स्टेशन में हर रोज 90 हजार यात्रियों का आवागमन होता है। ऐसे में यात्रियों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं हो, इसका भी ध्यान रखा जाएगा।
2013 में हुआ पूरा यार्ड रिमाॅडलिंग का काम
गोरखपुर पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि 15 जनवरी, 1885 को सोनपुर से मनकापुर तक मीटर गेज रेल लाइन के निर्माण के साथ ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन अस्तित्व में आया। वर्ष 1886 में गोरखपुर से उस्का बाजार लाइन के निर्माण के साथ ही गोरखपुर जंक्शन बना।
वर्ष 1981 में छपरा से मल्हौर तक का आमान परिवर्तन पूर्ण हुआ और गोरखपुर जंक्शन बड़ी लाइन से देश के अन्य महानगरों से जुड़ा। वर्ष 2004 में यहाँ दोहरीकरण का कार्य सम्पन्न हुआ, समय के साथ गोरखपुर स्टेशन पर गाड़ियों एवं प्लेटफॉर्मों की संख्या में वृद्धि और स्टेशन के यार्ड रिमॉडलिंग का कार्य अपरिहार्य हो गया।
विश्व का सबसे लंबा प्लेटफार्म है गोरखपुर
गोरखपुर जंक्शन स्टेशन का यार्ड रिमॉडलिंग 6 अक्टूबर, 2013 को पूरा हुआ। इसी के साथ गोरखपुर जंक्शन स्टेशन का प्लेटफॉर्म विश्व का सबसे लम्बा प्लेटफॉर्म बना था। इस प्लेटफॉर्म की लम्बाई 1355.40 मीटर है तथा रैम्प के साथ इसकी लम्बाई 136.633 मीटर है, इसे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के विश्व रिकॉर्ड में स्थान मिला था गोरखपुर जंक्शन स्टेशन पर कुल 10 प्लेटफॉर्म हैं।
यह स्टेशन गोरखपुर जनपद की लगभग 44.5 लाख की आबादी सहित निकटवर्ती जनपदों एवं नेपाल क्षेत्र के लोगों को भी अपनी सेवाएं दे रहा है, प्रतिदिन लगभग 90 हजार से अधिक यात्रियों का आवागमन होता है, गोरखपुर जंक्शन स्टेशन का पुनर्विकास आगामी 50 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।