UP News: उत्तर प्रदेश (UP News) के बिजनौर जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां के प्रकाश अस्पताल में डॉक्टरों ने गुरुवार को एक 14 साल की लड़की के पेट से करीब दो किलोग्राम बाल निकाले हैं। उसके इलाज में लगे डॉक्टरों ने बताया कि लड़की ‘रॅपन्जेल सिंड्रोम’ से पीड़ित थी। वर्षों से अपने ही बाल खा रही थी।
डॉक्टरों ने जांच के बाद शुरू किया इलाज
एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि बिजनौर की रहने वाली एक लड़की कुछ समय से पेट में तेज दर्द की शिकायत कर रही थी। डॉक्टरों ने कई जांचों के बाद उसका इलाज शुरू किया। जांच में पाया गया कि लड़की के पेट में बालों का एक बड़ा गुच्छा था। मेडिकल भाषा में इसे ट्राइकोफैगिया या रॅपन्जेल सिंड्रोम करते हैं। इस दुर्लभ मनोरोग में पीड़ित अपने शरीर के बालों को तोड़-तोड़ कर खाता है।
कई साल से पेट में दर्द बताती थी लड़की
डॉक्टरों के मुताबिक, लड़की कई वर्षों से पेट में दर्द की शिकायत करती थी। उसके घरवाले उसे कई डॉक्टरों के पास ले गए, जो उसे पेन किलर दवाइयां देते रहे। बताया गया है कि मंगलवार को बच्ची ने अपने पेट में असहनीय दर्द बताया। इस के बाद परिवार वालों ने उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
मंगलवार को हुआ असहनीय दर्ज, भर्ती कराया
अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉक्टर प्रकाश ने कहा कि लड़की को मंगलवार को अस्पताल लाया गया था। हमने उसके पेट का एक्स-रे किया, जिसमें उसके पेट के अंदर बालों का एक गुच्छा मिला। इस गुच्छे को निकालने के लिए गुरुवार को उसका ऑपरेशन किया गया। डॉक्टर ने बताया कि ऑपरेशन सफल रहा है और लड़की खतरे से बाहर है।
रॅपन्जेल सिंड्रोम एक खतरनाक मनोरोग है
डॉक्टर प्रकाश ने कहा कि रॅपन्जेल सिंड्रोम ट्राइकोबेजार का एक असामान्य रूप है, जो रोगी में मानसिक विकारों के साथ पाया जाता है। बालों को खींचने और चबाने की आदत गैस्ट्रिक बेजार बनाती है। इसका मुख्य लक्षण उल्टियों के साथ पेट में असहनीय दर्द है।