यूपी में आवास विभाग ने बुधवार को भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2025 को मंजूरी दे दी है। इसमें कई प्रावधान बदले गए हैं। वहीं कुछ नए प्रावधान लागू किए गए हैं। नई नियमावली के अनुसार अब 1000 वर्ग फीट के आवासीय और 300 वर्ग फीट के कॉमर्शियल प्लॉट पर निर्माण के लिए अब विभागीय स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होगी। वहीं 5000 वर्ग फीट के आवासीय और 2000 वर्ग फीट के कॉमर्शियल प्लॉट पर निर्माण के लिए रजिस्टर्ड आर्किटेक्ट का सर्टिफिकेट पर्याप्त माना जाएगा।
भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2025 के प्रावधानों के अनुसार सीए, वकील, डॉक्टर, नर्सरी, होमस्टे, आर्किटेक्ट एवं अन्य प्रोफेशनल अपने मकान के 25 प्रतिशत हिस्से में ऑफिस खोलकर काम कर सकते हैं। इसका नक्शे में अलग से जिक्र नहीं करना होगा। पुराने नियमों में 25 प्रतिशत हिस्से को उपयोग करने की मंजूरी थी लेकिन नक्शे में इसको अलग से शो करना पड़ता था।
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15 दिन में पास करना होगा नक्शा
इसके अलावा आवास विभाग ने नक्शा पास कराने के लिए 7 से 15 दिन का समय तय किया गया है। इस अवधि में पारित नहीं होने के बाद संबंधित विभाग की एनओसी स्वतः स्वीकृत मान ली जाएगी। वहीं ग्रुप हाउसिंग के तहत अपार्टमेंट बनाने के लिए न्यूनतम 2000 मीटर प्लॉट की जरूरत होती थी। अब महज 1000 वर्ग मीटर के प्लॉट पर भी इसकी मंजूरी मिल जाएगी। वहीं हॉस्पिटल के 3000 वर्ग फीट का प्लॉट पर्याप्त होगा।
नए प्रावधान के अनुसार अब 7 मीटर चौड़ी सड़क के किनारे प्लॉट पर हैरिटेज होटल को मंजूरी मिल सकती है। इसके अलावा 9 मीटर चौड़ी सड़क के किनारे क्लीनिक और प्राथमिक स्कूल तथा 18 मीटर चौड़ी सड़क के किनारे शॉपिंग मॉल खोले जा सकेंगे।
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