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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

यूपी डिजिटल गवर्नेंस का मॉडल बनकर उभरा, डिजिटल इनोवेशन रख रहे प्रशासनिक पारदर्शिता की नींव

Lucknow News: उत्तर प्रदेश को विकसित, समर्थ और सक्षम उत्तर प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ने डाटा आधारित गवर्नेंस व डिजिटल इनोवेशन के माध्यम से प्रशासनिक पारदर्शिता की नींव रखी जा रही है.

Author Written By: News24 हिंदी Updated: Nov 13, 2025 21:28
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सीएम योगी

Lucknow News: उत्तर प्रदेश को विकसित, समर्थ और सक्षम उत्तर प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ने डाटा आधारित गवर्नेंस व डिजिटल इनोवेशन के माध्यम से प्रशासनिक पारदर्शिता की नींव रखी जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश स्मार्ट गवर्नेंस और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के नए युग में प्रवेश कर रहा है. जहां समावेशी विकास को भविष्य आधारित तकनीकों के इस्तेमाल से धरातल पर उतारा जा रहा है. उल्लेखनीय है कि चाहें बात स्मार्ट पुलिसिंग की हो, मेडिकल इनोवेशन की हो या फिर एग्रिकल्चरल व एजुकेशनल रिफॉर्म्स की, उत्तर प्रदेश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के साथ ही आधुनिक तकनीक के समावेश से समाज के अंतिम पायदान पर स्थित लोगों तक सरकार की लाभदायक योजनाओं के प्रसार को सुनिश्चित कर रहा है.

यूपी को अनुकरणीय मॉडल के रूप में किया स्थापित

प्रदेश में डाटा-आधारित प्रशासन ने सरकारी कामकाज को अधिक पारदर्शी, त्वरित और जवाबदेह बनाया है. वहीं, तकनीक के व्यापक उपयोग से सेवाओं की वास्तविक समय में निगरानी संभव हुई है. जिससे आम नागरिकों को योजनाओं का लाभ सीधे और बिना देरी मिल रहा है. राज्य में स्मार्ट गवर्नेंस के तहत डिजिटल प्रक्रियाओं का तेजी से विस्तार हुआ है. विभिन्न सरकारी विभागों में ऑनलाइन मॉनिटरिंग, डिजिटल फाइल ट्रैकिंग और डाटा-आधारित फैसलों ने प्रशासनिक दक्षता को नई ऊंचाई दी है. इन पहलों ने ग्रामीण क्षेत्रों तक सेवाओं की सुगमता सुनिश्चित की है. जिससे यूपी देशभर में डिजिटल गवर्नेंस का एक उल्लेखनीय मॉडल बनकर उभरा है.

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लाइव डैशबोर्ड से त्वरित समाधान

सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन, स्कूलों के प्रदर्शन, शिकायत निस्तारण और सेवा उपलब्धता की निगरानी में एसएमएस, व्हाट्सऐप और लाइव डैशबोर्ड का उपयोग निर्णायक साबित हुआ है. इन माध्यमों के जरिए स्कूलों में शैक्षिक गैप की पहचान, योजनाओं की डिलीवरी की पुष्टि और शिकायतों का तत्काल समाधान संभव हुआ है. त्वरित संचार और रियल-टाइम डाटा ने अधिकारियों की कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने के साथ ही निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति के लिए जवाबदेह भी बनाया है.

डिजिटल टूल्स से बढ़ी पारदर्शिता

मिड-डे मील कार्यक्रम में क्यूआर कोड, गूगल शीट्स, एक्सेल, यूडीआईएससी, टेलीग्राफ तथा गूगल फॉर्म जैसे डिजिटल टूल्स के इस्तेमाल से व्यवस्था अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद हुई है. इन साधनों से भोजन वितरण की निगरानी, उपस्थिति सत्यापन और गुणवत्ता नियंत्रण का डाटा तुरंत उपलब्ध हो जाता है. जिससे अनियमितताओं पर अंकुश लगा है। तकनीकी नवाचारों ने यह सुनिश्चित किया है कि बच्चों को लाभ समय पर और सही रूप में मिल रहा है.

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First published on: Nov 13, 2025 09:28 PM

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