UP News: उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh government) ने गुरुवार को कैबिनेट (Cabinet Decision) की बैठक में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया। इस फैसले के तहत राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन (Electric vehicle) की खरीद पर एक लाख रुपये तक की छूट दी जाएगी। इसके अलावा राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्सहित करने और इससे संबंधी कारोबार को बढ़ावा देने के लिए भी नीति तैयार की गई है।
सरकार के मुताबिक वर्ष 2030 तक राज्य को इलेक्ट्रिक वाहन मोड में लाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2022-2027 (Electric vehicle policy 2022-2027) का मसौदा तैयार किया गया है। इसमें 50,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा और दस लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
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पर्यावरण सुधार की दिशा में भी काम आएगा यह कदम
बताया गया है कि ईवी नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य को इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरी और अन्य उपकरणों के निर्माण का वैश्विक केंद्र बनाना है। इस कदम को पर्यावरण सुधार की दिशा में भी मील का पत्थर जाना जा रहा है। प्रदेश सरकार के मुताबिक राज्य में दो या चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों, ई-बसों की खरीद पर मैन्युफैक्चरिंग प्राइज (कारखाना मूल्य) पर सीधे 15 प्रतिशत और उनके पंजीकरण व रोड टैक्स पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
ईवी नीति में इलेक्ट्रिक वाहन, प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन, ईवी आपूर्ति उपकरण, मजबूत हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन, ऑन बोर्ड चार्जर, वाहन नियंत्रण इकाइयां और बैटरी प्रबंधन प्रणाली स्थापित करना भी शामिल है।
अगले तीन साल तक रजिस्ट्रेशन पर 100% की छूट
कैबिनेट बैठक के बाद प्रदेश सरकार की ओर से बताया गया है कि ईवी नीति लागू होने के पहले तीन साल में इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स में 100 फीसदी की छूट दी जाएगी। इसके बाद चौथे और पांचवें वर्ष में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। सरकार के इस फैसले में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दो लाख दोपहिया ईवी वाहनों को छूट देने के लिए 100 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान किया जाएगा।
नीति के अनुसार ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को ईवी में बदला जाएगा। इनके संचालन के लिए हरी-भरी सड़कों को चिह्नित किया जाएगा। इसके अलावा वर्ष 2030 तक सभी सरकारी वाहनों को भी ईवी में बदला जाएगा। बता दें कि वर्तमान में भी शहरों से देहात के कई रूटों पर ई-बसें चलाई जा रही हैं।
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सरकारी कर्मचारियों को करेंगे प्रोत्साहित, देंगे एडवांस
सरकारी कर्मचारियों को ईवी खरीदने के लिए प्रोत्साहित करते हुए एडवांस में पैसा भी दिया जाएगा। सरकार की ओर से इस नीति को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही ‘गो इलेक्ट्रिक अभियान’ शुरू किया जाएगा। इसके लिए ईवी नीति को लागू करने के लिए 12 सदस्यीय अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया जाएगा।
ईवी नीति के अनुसार प्रदेश के प्रत्येक शहर में 9 किमी के दायरे में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना है। जबकि एक्सप्रेस-वे पर हर 25 किमी के बाद चार्जिंग स्टेशन बनेंगे। शहरों में पार्किंग स्थल, मेट्रो स्टेशन, बस स्टैंड, पेट्रोल पंप, सरकारी भवन, व्यावसायिक भवन, शैक्षणिक, स्वास्थ्य संस्थान और शॉपिंग मॉल में भी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
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