UP Cabinet Expansion CM Yogi Adityanath: लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले उत्तर प्रदेश में CM योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट विस्तार हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने NDA के सहयोगी दलों को साधने के लिए एक मास्टर प्लान बनाया है। कैबिनेट विस्तार रविवार को होगा। इससे पहले आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजभवन पहुंचे।
मुख्यमंत्री के सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात करके कैबिनेट विस्तार करने पर चर्चा की। दरअसल, दिल्ली में BJP कोर कमेटी की बैठक के बाद UP मंत्रिमंडल के विस्तार का फैसला लिया है। सूत्रों के मुताबिक, 5 लोगों को कैबिनेट में जगह दी जाएगी। इनमें से 2 को कैबिनेट और 3 को राज्य मंत्री बनाया जा सकता है।
RLD के कोटे से 2 मंत्री और भाजपा से भी 2 मंत्री बनाए जा सकते हैं। सुभासपा के अध्यक्ष को भी कैबिनेट मंत्री बनाने की चर्चा है।
CM योगी ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को दी ‘रोम-रोम में राम किताब’#YogiAdityanath | @myogiadityanath | #UttarPradesh pic.twitter.com/yojXzElNza
— News24 (@news24tvchannel) March 1, 2024
UP कैबिनेट में शामिल होने वाले संभावित नाम
- राजपाल बालियान (RLD) – कैबिनेट मंत्री
- प्रदीप चौधरी (RLD) – राज्य मंत्री
- आकाश सक्सेना (BJP) – राज्य मंत्री
- दारा सिंह चौहान (BJP) – कैबिनेट मंत्री
- ओम प्रकाश राजभर (Subhaspa) – कैबिनेट मंत्री
In the BJP’s CEC meeting held yesterday in the context of UP, 6 seats have been left for allies.
Probably seat sharing will be like this.
BJP – 74 Seats
RLD – 2 Seats
AD – 2 Seats
Nishad – 1 Seat
OP Rajbhar – 1 Seat#LokSabhaElections2024 pic.twitter.com/HuHSGnoTvd— Harshvardhan Tiwari (@poetvardhan) March 1, 2024
क्यों लिया गया कैबिनेट विस्तार का फैसला?
सुभासपा अध्यक्ष राजभर जुलाई 2023 में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन छोड़कर NDA में शामिल हुए थे। तब से वे मंत्री बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि 7 महीने के बाद भी जब उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया तो उन्होंने नाराजगी जताई। कहीं वे लोकसभा चुनाव 2024 के समीकरण न बिगाड़ दें, इस डर से अचानक UP कैबिनेट विस्तार का फैसला लिया गया।
दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश में NDA के सहयोगी दलों के साथ भाजपा ने सीट शेयरिंग का फॉर्मूला भी फाइनल कर दिया है। भाजपा 80 में से 6 सीटें NDA के सहयोगी दलों को देगी। 74 सीटों पर खुद चुनाव लड़ेगी। 2 सीटें RLD को दी जाएंगी। 2 सीटें अपना दल(S), एक सीट सुभासपा और एक सीट निषाद पार्टी को दी जाएगी। इस तरह भाजपा ने सहयोगी दलों को साथ रखने का फॉर्मला बनाया है।