---विज्ञापन---

पराग के मिल्क कलेक्शन सेंटर में फूड सेफ्टी का छापा, केमिकल से बनता मिला दूध

Bulandshahr News: यूपी के बुलंदशहर में फूड सेफ्टी विभाग की टीम ने सहकारी संस्था पराग के कलेक्शन सेंटर से केमिकल से दूध बनाने का खुलासा किया है।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Feb 7, 2025 13:53
Share :
Bulandshahr News
Bulandshahr News

Bulandshahr News (शाहनवाज चौधरी): उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में फूड सेफ्टी विभाग की टीम ने सरकार की निगरानी वाली सहकारी संस्था पराग के कलेक्शन सेंटर से केमिकल से दूध बनाने का खुलासा किया है। टीम ने सेंटर से व्हे पाउडर और सोर्बिटोल जैसे केमिकल भी बरामद किए हैं। इन्हीं केमिकल्स से जहरीला दूध बनाकर पराग को सप्लाई किया जा रहा था।

कब हुआ एक्शन

खानपुर के गांव गुरावली में पराग का मिल्क कलेक्शन सेंटर है, यहां से पराग अपने सेंटर संचालक की मदद से सीधे पशुपालकों से दूध खरीदता है। इस सेंटर पर देर रात फूड सेफ्टी विभाग के डीओ विनीत कुमार की अगुवाई में छापामारी कार्रवाई की गई।

---विज्ञापन---

सेंटर के कलेक्शन रजिस्टर में 60-65 लीटर दूध की खरीद अंकित थी, जबकि मौके पर 125 लीटर दूध सेंटर पर मिला। एक्सट्रा दूध का हिसाब संचालक नहीं दे पाया। बताया जा रहा है कि दूध की बढ़ी हुई मात्रा केमिकल से तैयार की गई थी। फूड सेफ्टी विभाग की टीम ने पराग कलेक्शन सेंटर से दूध के सैंपल जांच के लिए लेबोरेटरी भेजे हैं।

पराग में मिलावटी दूध की खपत

पराग जैसी सहकारी संस्था में दूध बिना टेस्टिंग नहीं लिया जाता है। दावा किया गया कि टेस्टिंग की व्यवस्था भी पराग में है। सूत्रों का कहना है कि पराग के कई सेंटर्स पर मिलावटी दूध बनाने का धंधा चल रहा है। ये सब पराग के अफसर और कर्मचारियों की सांठगांठ के बिना मुमकिन नहीं है। पराग मिल्क प्रोडक्ट की एकमात्र सहकारी संस्था है, जो गांव-गांव पशुपालकों से दूध की खरीद बाजार भाव पर करती है।

पराग का हर गांव में कलेक्शन सेंटर स्थापित है। पराग दूध का भुगतान दूध की गुणवत्ता के हिसाब से पशुपालकों को ऑनलाइन करता है। मिल्क खरीद के बाद दही, घी, छाछ, दूध आदि प्रोडक्ट तैयार करता है और शहरों में बनाए गए सेंटर पर बेचता है।

पराग नहीं कर रहा जांच में सहयोग

फूड सेफ्टी विभाग के डीओ विनीत कुमार ने बताया कि कलेक्शन सेंटर पर एक्शन के बाद पराग प्रबंधन फूड सेफ्टी विभाग को सहयोग नहीं दे रहा है। टीम पराग प्लांट पर गई, वहां रजिस्टर नहीं दिखाया गया। क्वालिटी कंट्रोल की जानकारी भी नहीं दी जा रही है। कुल मिलाकर पराग प्रबंधन अपनी चोरी को छिपाने में जुटा हुआ है। डीओ ने बताया कि अगर स्थानीय पराग प्रबंधन से सहयोग नहीं मिला तो वह इसकी शिकायत लखनऊ पराग हेड क्वार्टर में करेंगे।

उत्तर प्रदेश में पराग को आम आदमी सम्मान की नजर से देखता है। गांव देहात में पराग के प्रोडक्ट्स की काफी डिमांड है। ऐसे में अगर पराग के कलेक्शन सेंटर पर ही मिलावटी और जहरीले दूध की सप्लाई होगी तो आम आदमी का भरोसा पराग से टूट जाएगा।

घर में चल रहा था कलेक्शन सेंटर

पराग का कलेक्शन सेंटर घर में ही चल रहा था, जानकारी के अनुसार किचन में घर की महिलाएं सोर्बिटोल और व्हे पाउडर से मिलावटी दूध तैयार कर रही थीं। फूड सेफ्टी विभाग की टीम ने कलेक्शन सेंटर के संचालक के भाई को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है।

डीओ फूड सेफ्टी बुलंदशहर विनीत कुमार ने बताया कि सूचना के आधार पर पराग के कलेक्शन सेंटर पर कार्रवाई की गई है। पराग से भी डिटेल मांगी जा रही है। अब तक की जांच में यह सामने आया है कि पराग के कलेक्शन सेंटर पर केमिकल से दूध बन रहा था और मिलावटी दूध को पराग तक पहुंचाया जा रहा था।

ये भी पढ़ें-  बरेली के कारखाने में हुए ब्लास्ट में 3 की मौत, दूर तक गूंजी धमाके की आवाज

HISTORY

Edited By

Deepti Sharma

First published on: Feb 07, 2025 01:52 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें