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UP के भाजपा प्रवक्ता प्रशांत उमराव को SC से राहत; विवादित ट्वीट पर मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ की थी अपील

UP News: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता और अधिवक्ता प्रशांत उमराव को राहत दी है। प्रशांत ने कुछ दिनों पहले तमिलनाडु में बिहारी प्रवासी श्रमिकों के खिलाफ ‘हमले’ के बारे में एक फर्जी वीडियो पोस्ट किया था। सुप्रीम कोर्ट ने अब बिना शर्त माफी मांगने के लिए कहा है। सुप्रीमकोर्ट […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Apr 7, 2023 11:38
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UP News: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता और अधिवक्ता प्रशांत उमराव को राहत दी है। प्रशांत ने कुछ दिनों पहले तमिलनाडु में बिहारी प्रवासी श्रमिकों के खिलाफ ‘हमले’ के बारे में एक फर्जी वीडियो पोस्ट किया था। सुप्रीम कोर्ट ने अब बिना शर्त माफी मांगने के लिए कहा है।

सुप्रीमकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने टिप्पणी भी की है। कहा है कि इस तरह के ट्वीट करने से पहले उमराव को ज्यादा जिम्मेदार होना चाहिए।

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मद्रास हाईकोर्ट ने दिया था ये आदेश

समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट के आदेश में संशोधन करते हुए उमराव को राहत दी है। कोर्ट ने उन्हें 10 अप्रैल को तमिलनाडु के पुलिस थाने में पेश होने का निर्देश दिया। इसने मद्रास हाईकोर्ट की ओर से लगाई गई शर्तों को संशोधित किया है। हाईकोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत देते हुए 15 दिनों के लिए प्रतिदिन सुबह 10.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक थाने में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया।

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सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता (उमराव) को 15 दिनों के लिए सुबह 10.30 बजे से शाम 5.30 बजे के बीच थाने में रिपोर्ट करने की शर्त को संशोधित किया जाता है। वह सोमवार को सुबह 10 बजे और उसके बाद जांच अधिकारी को आवश्यक होने पर पेश होंगे।

बचाव पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में दी ये दलील

बता दें कि प्रशांत उमराव की उस याचिका पर तमिलनाडु को भी नोटिस जारी किया गया है, जिसमें उनके ट्वीट को लेकर विभिन्न पुलिस थानों में उनके खिलाफ मुकदमों को एक साथ जोड़ने की मांग की गई थी। पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट के एकल न्यायाधीश की ओर से उमराव को दी गई अग्रिम जमानत तमिलनाडु में दर्ज किसी भी एफआईआर पर लागू होगी।

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राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ को बताया कि अन्य मुकदमों में उमराव को आरोपी नहीं बनाया गया है। उमराव का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि ट्वीट में अशुद्धि थी और यह महसूस होने पर उन्होंने ट्वीट को हटा दिया था।

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Written By

Naresh Chaudhary

Edited By

Manish Shukla

First published on: Apr 06, 2023 05:01 PM

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