उम्र 60 साल, लेकिन जिंदगी की मजबूरियों ने महिला को ई-रिक्शा ड्राइवर बना दिया, जिसके दम पर उसने जहां 3 बच्चों की शादी करके उनका घर बसाया, वहीं अब पति की बीमारी का खर्चा भी उठा रही है। उत्तर प्रदेश के बागपत की बालेश की संघर्ष भरी कहानी सुनकर आप भी उन्हें सैल्यूट करेंगे।
महिलाएं जब अपने पर आएं तो पहाड़ खोदकर भी रास्ता बना दें, ऐसा ही कुछ कर दिखाया 60 साल की बालेश ने। पति बेरोजगार थे, काम की तलाश करते-करते बीमारी का शिकार हो गए। आमदनी का कोई और जरिया नहीं था तो बालेश ने खुद ही घर से बाहर निकलकर जिम्मेदारियों को निभाने का फैसला लिया।
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लोगों ने रोकना चाहा, पर वह मानी नहीं
बालेश खुद बताती हैं कि उन्होंने ई-रिक्शा चलाने की सोची। वाहन खरीदने के लिए बातचीत शुरू की तो लोगों ने कहा कि आप ई-रिक्शा चलाएंगी। मैंने जवाब दिया कि बच्चे मेरे, पति मेरा, अब उनकी जिम्मेदारी तो मुझे ही उठानी होगी। आज महिलाएं राष्ट्रपति बन सकती हैं तो मैं ई-रिक्शा नहीं चला सकती क्या?
बालेश के अनुसार, उन्होंने ई-रिक्शा खरीदा और चलाना शुरू किया। शुरुआत में कम सवारियां मिलती थीं, लेकिन अब लोग सहयोग करने लगे हैं। सड़क पर भी साथियों का काफी सहयोग मिलता है। ट्रैफिक और पुलिस कर्मियों का व्यवहार भी अच्छा रहता है। तीनों बच्चों की शादी कर चुकी हूं। अब पति-पत्नी का गुजारा अच्छे से चल रहा है।