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Uniform Civil Code: पीएम मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिले सीएम धामी, उत्तराखंड UCC ड्राफ्ट पर ‘खास चर्चा’

Uniform Civil Code: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार देर रात पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात की। बताया गया है कि इस दौरान अन्य मुद्दों के साथ-साथ उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को लेकर तैयार हुए मसौदे को लेकर चर्चा की। माना जा रहा है […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Jul 4, 2023 15:23
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Uniform Civil Code: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार देर रात पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात की। बताया गया है कि इस दौरान अन्य मुद्दों के साथ-साथ उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को लेकर तैयार हुए मसौदे को लेकर चर्चा की। माना जा रहा है कि उत्तराखंड में तैयार ये मसौदा देश के लिए खाका हो सकता है।

जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी की ओर से हाल ही में यूसीसी को लेकर बयान देने के बाद राजनीतिक पार्टियों में बहस छिड़ गई है। साथ ही भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी इन मुद्दों पर आक्रामक होगी। जानकारों का कहना है कि अनुच्छेद 370 और अयोध्या में राम मंदिर के बाद अब यूसीसी भाजपा का बड़ा दाव है।

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सीएम धामी ने दिए थे ये संकेत

सूत्रों ने बताया कि दिल्ली बैठक में उत्तराखंड यूसीसी प्रारूप समिति की अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई भी मौजूद थीं। सीएम धामी ने रविवार को कहा कि इस विषय की जांच कर रही यूसीसी विशेषज्ञ समिति जल्द ही मसौदा पेश करेगी।

सीएम धामी ने इससे पहले ट्वीट भी किया था कि प्रदेश की जनता से किए गए वादे के अनुरूप आज 30 जून को समान नागरिक संहिता का प्रारूप तैयार करने के लिए गठित समिति ने अपना काम पूरा कर लिया है। जल्द ही देवभूमि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी। जय हिंद, जय उत्तराखंड!

इतने लाख लोगों से आमने-सामने की बात

उधर एक मीडिया साक्षात्कार में सीएम धामी ने तर्क दिया था कि भाजपा ने अपने चुनाव पूर्व घोषणापत्र में उत्तराखंड के लिए समान नागरिक संहिता का प्रस्ताव रखा था और राज्य के लोगों ने उसे सत्ता में लाकर इसे लागू करने का जनादेश दिया था।

नए कानून के साथ राज्य में ध्रुवीकरण करने की कोशिश के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ समिति ने मसौदे को अंतिम रूप देने से पहले करीब 2,35,000 लोगों, संगठनों, धार्मिक समूहों और अन्य पक्षों से बात की थी।

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Written By

Naresh Chaudhary

First published on: Jul 04, 2023 03:19 PM

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